Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Jul 2016 · 1 min read

किस्से पुराने याद आये है।

आज किस्से फिर पुराने कुछ याद आये है,
कुछ तज़ुर्बे है जो फिर लिखाये गए हैं

घर की दीवारों को शीशे में बदला क्या मैंने,
हर एक हाथ से ही पतथर उठाये गए हैं।

हकीकत तो वही थी पर दिल ने ना मानी,
झूठ के पैवंद यहाँ सिलवाये गए हैं।

समझ सकते तो नज़रो से ही समझ जाते,
क्यों ये ज़ज़्बात डायरी में लिखाये गए हैं।

रखा है संभाले वो कागज़ आज तलक,
जिसपे दस्तखत ज़मानत के एवज़ कराये गए हैं।

खतायें तो दोनों तरफ बराबर ही रही थी,
फिर क्यों हर बार हम ही समझाये गए हैं।

तमन्नाओ की कब्र तो पुरानी ही थी,
कुछ नए ख़्वाब भी इसने दफनाए गए हैं

किसी को भी न छोड़ा हाय किस्मत तूने,
तेरे इशारे पर सारे ही नचाये गए हैं…।

334 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बिधवा के पियार!
बिधवा के पियार!
Acharya Rama Nand Mandal
कहाँ है मुझको किसी से प्यार
कहाँ है मुझको किसी से प्यार
gurudeenverma198
Kashtu Chand tu aur mai Sitara hota ,
Kashtu Chand tu aur mai Sitara hota ,
Sampada
"मुखौटे"
इंदु वर्मा
मैं सोचता हूँ आखिर कौन हूॅ॑ मैं
मैं सोचता हूँ आखिर कौन हूॅ॑ मैं
VINOD CHAUHAN
वादे खिलाफी भी कर,
वादे खिलाफी भी कर,
Mahender Singh Manu
इश्क़ और इंक़लाब
इश्क़ और इंक़लाब
Shekhar Chandra Mitra
"स्वप्न".........
Kailash singh
आर-पार की साँसें
आर-पार की साँसें
Dr. Sunita Singh
कि लड़का अब मैं वो नहीं
कि लड़का अब मैं वो नहीं
The_dk_poetry
*प्राण-प्रतिष्ठा सच पूछो तो, हुई राष्ट्र अभिमान की (गीत)*
*प्राण-प्रतिष्ठा सच पूछो तो, हुई राष्ट्र अभिमान की (गीत)*
Ravi Prakash
फूल,पत्ते, तृण, ताल, सबकुछ निखरा है
फूल,पत्ते, तृण, ताल, सबकुछ निखरा है
Anil Mishra Prahari
हार जाती मैं
हार जाती मैं
Yogi B
అమ్మా దుర్గా
అమ్మా దుర్గా
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
I love you
I love you
Otteri Selvakumar
"दर्पण बोलता है"
Ekta chitrangini
2776. *पूर्णिका*
2776. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*बाल गीत (पागल हाथी )*
*बाल गीत (पागल हाथी )*
Rituraj shivem verma
नर नारी संवाद
नर नारी संवाद
DR ARUN KUMAR SHASTRI
কেণো তুমি অবহেলনা করো
কেণো তুমি অবহেলনা করো
DrLakshman Jha Parimal
बेचारी माँ
बेचारी माँ
Shaily
■ आज का मुक्तक...
■ आज का मुक्तक...
*Author प्रणय प्रभात*
गनर यज्ञ (हास्य-व्यंग्य)
गनर यज्ञ (हास्य-व्यंग्य)
दुष्यन्त 'बाबा'
सत्य
सत्य
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
इस मोड़ पर
इस मोड़ पर
Punam Pande
आँखों में अब बस तस्वीरें मुस्कुराये।
आँखों में अब बस तस्वीरें मुस्कुराये।
Manisha Manjari
अध्यात्म का अभिसार
अध्यात्म का अभिसार
Dr.Pratibha Prakash
"गौरतलब"
Dr. Kishan tandon kranti
साल भर पहले
साल भर पहले
ruby kumari
अफसोस
अफसोस
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
Loading...