Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Feb 2017 · 2 min read

किस्सा – बीजा सोरठ

मास्टर श्रीनिवास शर्मा की ग्रन्थावली से यह रागनी

किस्सा – बीजा – सोरठ

वार्ता – जब राजा जैसलदे उस परी को अपने साथ ले आता है तो इस पर सभी नगर में चर्चा होने लगती है ।
तो एक बात के द्वारा सभी नगर वासी एक दूसरे से क्या कहते हैं ।

जवाब – नगर वासियों का

राजा जैसलदे ल्यारहा सै एक बहू तोड़ की ।
पूरे जग में नहीं मिलै कोए उसके जोड़ की ।। टेक

१ . चलो चाल कै देखां , पलके , लगैं शरीर में
घायल होकै लोग पडैं सैं जैसे तीर में
ऐसी चालै चाल जणूं , मुरगाई नीर में
किसे चीज की कसर नहीं उस अद्भुत बीर में
इसी हूर ना मिलै दिए तैं कोड़ करोड़ की ।।

२ . देखे तैं मन भरता ना इसी बीर खास सै
बार – बार जणूं देखें जावां , यही आस सै
नार सुरग की आई सै भू पै , होया बास सै
हंसणी फ़ंसगी कागां में , यो उठ्या नाश सै
जणूं जीत कै ल्याया राजा , बाजी होड़ की ।।

३ . इतणी सुथरी औरत ना और शहर गाम में
टोहे तैं भी पावै कोना इसी जग तमाम में
भाज कै नै देखण चालो क्यूं बिचले काम में
सस्ते भा मैं बहू मिली , बिन कोड़ी दाम में
भात की भी ना पड़ी जरूरत नाहे मोड़ की ।।

४ . सब जीवां कै पछली करणी आगै अड़ै सै
करणीये कारण घरां किसे कै बहू बड़ै सै
करणी तैं फल पाकै सै और करणी तैं झड़ै सै
लाखण माजरे में श्रीनिवास शर्मा छंद घड़ै सै
करणी तैं या जात्य मिली सै ब्राह्मण गौड़ की ।।

टाइपकर्ता – कपीन्द्र शर्मा
फोन नं० – 8529171419
©® Sn Sharma

Language: Hindi
1 Like · 3252 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
क्या अजब दौर है आजकल चल रहा
क्या अजब दौर है आजकल चल रहा
Johnny Ahmed 'क़ैस'
सर-ए-बाजार पीते हो...
सर-ए-बाजार पीते हो...
आकाश महेशपुरी
*मोलभाव से बाजारूपन, रिश्तों में भी आया है (हिंदी गजल)*
*मोलभाव से बाजारूपन, रिश्तों में भी आया है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
हाथ पताका, अंबर छू लूँ।
हाथ पताका, अंबर छू लूँ।
संजय कुमार संजू
आया बाढ नग पहाड़ पे🌷✍️
आया बाढ नग पहाड़ पे🌷✍️
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
ज़िंदगी क्या है ?
ज़िंदगी क्या है ?
Dr fauzia Naseem shad
बहते रस्ते पे कोई बात तो करे,
बहते रस्ते पे कोई बात तो करे,
पूर्वार्थ
कभी ज्ञान को पा इंसान भी, बुद्ध भगवान हो जाता है।
कभी ज्ञान को पा इंसान भी, बुद्ध भगवान हो जाता है।
Monika Verma
2324.पूर्णिका
2324.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
एक गलत निर्णय हमारे वजूद को
एक गलत निर्णय हमारे वजूद को
Anil Mishra Prahari
जिंदगी और रेलगाड़ी
जिंदगी और रेलगाड़ी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
जब 'बुद्ध' कोई नहीं बनता।
जब 'बुद्ध' कोई नहीं बनता।
Buddha Prakash
सफर अंजान राही नादान
सफर अंजान राही नादान
VINOD CHAUHAN
रक्षा के पावन बंधन का, अमर प्रेम त्यौहार
रक्षा के पावन बंधन का, अमर प्रेम त्यौहार
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
"हर दिन कुछ नया सीखें ,
Mukul Koushik
चूड़ियां
चूड़ियां
Madhavi Srivastava
******** रुख्सार से यूँ न खेला करे ***********
******** रुख्सार से यूँ न खेला करे ***********
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
💐अज्ञात के प्रति-4💐
💐अज्ञात के प्रति-4💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
वर्षा रानी⛈️
वर्षा रानी⛈️
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
मेरी जिंदगी में जख्म लिखे हैं बहुत
मेरी जिंदगी में जख्म लिखे हैं बहुत
Dr. Man Mohan Krishna
गुत्थियों का हल आसान नही .....
गुत्थियों का हल आसान नही .....
Rohit yadav
अब ना होली रंगीन होती है...
अब ना होली रंगीन होती है...
Keshav kishor Kumar
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
अन्याय के आगे मत झुकना
अन्याय के आगे मत झुकना
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
वो स्पर्श
वो स्पर्श
Kavita Chouhan
।।आध्यात्मिक प्रेम।।
।।आध्यात्मिक प्रेम।।
Aryan Raj
पास ही हूं मैं तुम्हारे कीजिए अनुभव।
पास ही हूं मैं तुम्हारे कीजिए अनुभव।
surenderpal vaidya
आज खुश हे तु इतना, तेरी खुशियों में
आज खुश हे तु इतना, तेरी खुशियों में
Swami Ganganiya
#दोहा-
#दोहा-
*Author प्रणय प्रभात*
दोहे-
दोहे-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
Loading...