Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Jan 2017 · 4 min read

किस्सा–चंद्रहास–अनुक्रम-7–दौड

किस्सा–चंद्रहास–अनुक्रम-7–दौड

दौड़–

सुणो ऋषि या बात किसी मेरी प्रीत बसी मूर्ति के म्हां,
बोल्या लड़का होग्या धड़का गड़बड़ का रह्या काम बण्या,
मीठे मीठे बोल बोल धोखे का जाल बिछावै सै,
हाय ऋषि तूं डूबैगा,किड़ी पै कटक चढ़ावै सै,
न्यूं तो मैं भी जाण गया मनै फंदै बीच फसावै सै,

झटका मारया लड़के नै जब अपना हाथ छुटाया,
चंद्रहास वहां तै चाल्या भोजन भी ना खाया,
इतनै मै चलकर वो मन्त्री वहां पर आया,

ऋषि कै पास मै आग्या जब दिवान,
गालव ऋषि कहण लाग्या मुख से जबान,
किसका था ये लड़का जिसकी चंद्रमा सी श्यान,

हाथ जोड़ कै कह मंत्री मुझको कोनी बेरा,
बता ऋषि तूं क्यूँ पूछै के मतलब सै तेरा,
बिना बताये रह रह्या सै मेरै दीवै तळै अँधेरा,

गालव ऋषि बतावण लग्या सुनता जाइये ध्यान लगा,
मैं जुणसी बात कहुंगा भाई बिलकुल फर्क पड़ैगा ना,
किस गफलत मै सो रह्या सै आँख खोल कर करो निंगाह,

हस्त रेखा देखी मनै ज्योतिष का लाया अंदाज,
कोय दिन मै यो लड़का इस नगरी का करैगा राज,
हुक्म यो चलावैगा शीश पै धरैगा ताज,

विद्या मै हो शूरा पूरा करैगा पढ़ाई,
बड़े बड़े राजाओं पर करैगा चढ़ाई,
एक बात ओर सै जो जाती ना बताई,
सुण कै नै मन्त्री तेरै होगी ना समाई,
तेरी लड़की नै ब्याहवैगा तेरा बणैगा जमाई,

इतणी सुणकै मंत्री कै सर्प सा जब लड़ गया,
सोचण लाग्या मंत्री यो मामला बिगड़ गया,
गाम नाम का ना बेरा कोण घर मै बड़ गया,

खड़्या खड़्या जब सोचण लाग्या धोखे धरकै रह्या पछता,
हे भगवान जुल्म होज्यागा जै लड़की नै लेगा ब्याह,
ऋषि अगाड़ी कहण लग्या मंत्री नै सुणा सुणा,

इन बाता मै खानदान घर कै लग स्याही जा,
बेवारस लड़के कै लड़की कैसे ब्याही जा,
खोटी बीर घरां आज्या वा भी ना टाही जा,

सेवक और लुगाई नै स्वामी का डर चाहिए,
है नीति का लेख सुता से दुणा वर चाहिए,
खानदान उज्ज्वल हो कुछ जायदाद जर चाहिए, जर जायदाद ना हो तो कर हुनर नर चाहिए,
घर चाहिए उत्तम जिसमै दिल कि चाही जा,

संत महात्मा शुद्ध आत्मा हर का जाप करै,
फिरै पारधी जीव मारता नित की पाप करै,
वेद विधि के साथ सुता कि शादी बाप करै,
चाचा ताऊ भाई हो या खुद लड़की आप करै,
जो थाप करै कह इतणे ल्युं वो यमपुर की राही जा,

बेवारस लड़के कै लड़की किस तरीयां मै ब्याऊंगा,
कुल कै लगज्या लाणा,अन्न तज खाणा नहीं खाऊंगा,
कहण लाग्या मंत्री मैं धर्म ना गवाऊंगा,

खड़्या खड़्या जब सोचण लाग्या मंत्री जब कह्या सुणा,
ऋषि अगाड़ी कहण लग्या जो होगी सो देखी जा,
किस तरियां तै ब्याहवै लड़की जान तै दुंगा मरवा,

इतणी कह कै चाल पड़या लाई कोन्या बार,
जा करकै जल्लाद उसनै बुलवाये थे चार,
जल्लादों को हुक्म ये दिया था करार,
एक आठ नौ साल का लड़का थामनै जागा पा,
बच्चों अंदर खेल रह्या जा करकै नै करो निंगाह,
बियाबान मै ले जा कै उसनै दियो कत्ल बणा,
मनै निशानी ल्या कै दियो,ऐसा हुक्म दिया सुणा,
हुक्म मान कै चाले पापी,माफी देगा कोण करा,

बच्चों अंदर खेल रह्या था हाथ पकड़ कै लिया उठा,
देख देख कै जल्लादा नै गया क्ळेजा छोड़ जगां,

धन के भूखे मारो तो मेरै पास नहीं एक पाई,
न्युं तो मनै बता दो नै कित ले ज्यावोगे भाई,
या तो मै भी जाणु सू मेरै चढ़ री सै करड़ाई,

वै झूठ बोल बहकावण लागे लड़के नै जब कह सुणा,
राजा नै तु याद करया अपणै धोरै रह्या बुला,
राजपाट का मालिक कर दे सिर पै देगा ताज टिका,
लड़की स्याणी राजा कै वा तनै देगा परणा,
इतणी सुण कै हासण लाग्या,कहण लग्या सुणा सुणा,

क्यूँ झूठ बोल बहकावो सो,
जळते नै घणा जळाओ सो,
क्यूँ दुखिया नै ब्याहवो सो,बिलकुल बात जचै कोन्या,

सिर मोड़ बंधावण लायक ना, ब्याह करवावण लायक ना,
इसे दुखड़े ठावण लायक ना,मेरा के करो ले चाल कै,
के ब्याहवो ठाठ तै किसकै,ना नाहण खाण नै इसकै,
जिसकै जात बरण ना गोत रै,इसे माणस की के न्योत रै,
थारी बेटी नै दुख बहोत रै,थाम क्यूँ ब्याहवो कंगाल कै,
साची बात बखत पै कह दे उसमै कुणसी चोरी हो,
चोरी हो तो ठीक ठिकाणै लिकड़ण कि मोरी हो,
ब्याला तो आच्छया लागै पर संग धन माया की बोरी हो,
घोड़ा जोड़ा कड़ा दुशाला संग छैली गौरी हो,

बहोत घणा वो नाट्या लड़का जोर मिंदावै लेगे ठा,
बियाबान मै ले जा कै कहण लगे सुणा सुणा,
खाना पीना हो सो खा ले तनै पहल तै दई बता,
मारांगे सिर तारांगे बिलकुल टाल बणै कोन्या,जल्लादां की सुण कै वाणी गया कळेजा छोड़ जगां,
हे भगवान जुल्म होगे तू किस फंदे मै फहग्या आ,
चंद्रहास जब कहण लग्या जल्लादो नै सुणा सुणा,
बिना दया देते जीवों की गर्दन काट कसाई,
मनु ऋषि का लेख देख ल्यो माने आठ कसाई,
धर्म कर्म नै हारण आळा,दिल मै बुरी विचारण आळा,
एक कहणे आळा ,एक मारणे आळा,कुणसा घाट कसाई,
ल्यावै मोल टका दे पापी,हड्डी अलग फका दे पापी,
अग्नि बीच पका दे पापी,ल्याकै काट कसाई,
स्वर्ण जरै नहीं कीच मै,शुभ लक्षण ना मिलैं नीच मै,
बेचै बैठ बाजार बीच मै,खोलै हाट कसाई,
नंदलाल गुरु पद पोसण आळा,दुष्ट गरीब गळ मोसण आळा,खाने और परोसण आळा,बारह बाट कसाई।

Language: Hindi
1 Like · 664 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
पहुँचाया है चाँद पर, सफ़ल हो गया यान
पहुँचाया है चाँद पर, सफ़ल हो गया यान
Dr Archana Gupta
नारी नारायणी
नारी नारायणी
Sandeep Pande
*पाते असली शांति वह ,जिनके मन संतोष (कुंडलिया)*
*पाते असली शांति वह ,जिनके मन संतोष (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
निर्णय लेने में
निर्णय लेने में
Dr fauzia Naseem shad
हिंदू धर्म की यात्रा
हिंदू धर्म की यात्रा
Shekhar Chandra Mitra
ज़िदादिली
ज़िदादिली
Shyam Sundar Subramanian
पेड़ काट निर्मित किए, घुटन भरे बहु भौन।
पेड़ काट निर्मित किए, घुटन भरे बहु भौन।
विमला महरिया मौज
श्री राम जय राम।
श्री राम जय राम।
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
" प्रिये की प्रतीक्षा "
DrLakshman Jha Parimal
कब तक जीने के लिए कसमे खायें
कब तक जीने के लिए कसमे खायें
पूर्वार्थ
सारे जग को मानवता का पाठ पढ़ा कर चले गए...
सारे जग को मानवता का पाठ पढ़ा कर चले गए...
Sunil Suman
वो जो तू सुन नहीं पाया, वो जो मैं कह नहीं पाई,
वो जो तू सुन नहीं पाया, वो जो मैं कह नहीं पाई,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
उतरन
उतरन
Dr. Pradeep Kumar Sharma
रिश्ते चंदन की तरह
रिश्ते चंदन की तरह
Shubham Pandey (S P)
वंदेमातरम
वंदेमातरम
Bodhisatva kastooriya
ग्रंथ
ग्रंथ
Tarkeshwari 'sudhi'
***
*** " कभी-कभी...! " ***
VEDANTA PATEL
बद मिजाज और बद दिमाग इंसान
बद मिजाज और बद दिमाग इंसान
shabina. Naaz
जितना आसान होता है
जितना आसान होता है
Harminder Kaur
💐प्रेम कौतुक-451💐
💐प्रेम कौतुक-451💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
"सफर"
Yogendra Chaturwedi
सागर से अथाह और बेपनाह
सागर से अथाह और बेपनाह
VINOD CHAUHAN
कोरा रंग
कोरा रंग
Manisha Manjari
Adhere kone ko roshan karke
Adhere kone ko roshan karke
Sakshi Tripathi
हमसे तुम वजनदार हो तो क्या हुआ,
हमसे तुम वजनदार हो तो क्या हुआ,
Umender kumar
बेशक मैं उसका और मेरा वो कर्जदार था
बेशक मैं उसका और मेरा वो कर्जदार था
हरवंश हृदय
तेरे दरबार आया हूँ
तेरे दरबार आया हूँ
Basant Bhagawan Roy
हे!शक्ति की देवी दुर्गे माँ,
हे!शक्ति की देवी दुर्गे माँ,
Satish Srijan
प्रेम में पड़े हुए प्रेमी जोड़े
प्रेम में पड़े हुए प्रेमी जोड़े
श्याम सिंह बिष्ट
"जयचंदों" को पालने वाले
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...