किसी का इश्क में बीमार होना
किसी का इश्क में बीमार होना
न मुमकिन फिर कोई उपचार होना
हमारी ईद होने को जरूरी
हमारे चाँद का दीदार होना
कमाई डिग्रियाँ दिन रात जगकर
पड़ा फिर भी यहाँ बेकार होना
धरोहर संस्कारों की न गुम हो
पड़ेगा अब यहाँ बेदार होना
समझने के लिए कीमत सुखों की
ज़रूरी दुख भी हैं दो चार होना
जरूरत ‘अर्चना’ कितनी बड़ी हो
गलत कामों को मत तैयार होना
डॉ अर्चना गुप्ता
2-12-2017