किसान
दिन रात मेहनत करता है किसान
हर हाल में डटा रहता है किसान।
तपती धूप में खेत की खुदाई करें,
शीतलहर में फसल की सिंचाई करें,
तैयार फसल बारिश में भीग जाता है,
तूफान,ओलों की मार से पिट जाता है,
अतिवृष्टि ,अनावृष्टि से रहता है परेशान,
दिन रात मेहनत करता है किसान।
महीने लगते फसल तैयार होने में,
जाने कितने बर्बाद होते भगोनो में,
गरीबी घटाने के लाले पड़ जाते हैं
किसान के हाथों में छाले पड़ जाते हैं,
वक्त भी लेता रहता है इम्तिहान,
दिन रात मेहनत करता है किसान।
कर लेता आत्महत्या होकर मजबूर,
बधाई स्थिति से दिखता है मजदूर,
कभी-कभी भूखा भी वो रहता है ,
अपना दुख दर्द किसी से ना कहता है,
अन्नदाता सबको बनाता है पहलवान
दिन रात मेहनत करता है किसान।
नूर फातिमा खातून नूरी
जिला -कुशीनगर
उत्तर प्रदेश