**किसान — जवान – देश की शान**
देश की शान किसान
मेहनत से जिसकी मिलता धन धान।
खेत खलिहान में बहाए पसीना
कितना रहता परेशान।।
जो मिलनी चाहिए थी ।
अभी तक कहां मिली पहचान।
राजनैतिक नारो में आता ।
दिन रात उसका नाम।
थोड़ा बहुत जो है सक्षम
उसका तो चल जाता काम।
गरीब का न कोई मुकाम,
जितने का उगाता,उतने भी नहीं मिल पाते दाम।
पेट भरता आप हम सभी के,
मिलनी चाहिए उसे असली पहचान ।।
होगा तभी सफल देश में नारा,
जय जवान जय किसान ।।
राजेश व्यास अनुनय