Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Dec 2020 · 1 min read

किसान क्रान्ति

राह बनेगी क्रान्ति से, बढ़ते चलो किसान
पेट सभी का पालते, तुम असली भगवान

देश के किसान को, झुक-झुक करो प्रणाम
बिगुल बजाया क्रान्ति का, अन्यायी के नाम

नेता की झूठी अकड़, नौकरशाही ठाठ
भारत बन्द किसान ने, किया दिसम्बर आठ

धान अन्न पैदा करे, भूखा मरे किसान
फिर क्यों नेता कह रहे, मेरा देश महान

Language: Hindi
8 Likes · 2 Comments · 554 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
View all
You may also like:
भारतवर्ष स्वराष्ट्र पूर्ण भूमंडल का उजियारा है
भारतवर्ष स्वराष्ट्र पूर्ण भूमंडल का उजियारा है
Pt. Brajesh Kumar Nayak
जागे हैं देर तक
जागे हैं देर तक
Sampada
करी लाडू
करी लाडू
Ranjeet kumar patre
2950.*पूर्णिका*
2950.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
इंसान
इंसान
विजय कुमार अग्रवाल
जिस तरह फूल अपनी खुशबू नहीं छोड सकता
जिस तरह फूल अपनी खुशबू नहीं छोड सकता
shabina. Naaz
क्या पता...... ?
क्या पता...... ?
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
विनाश नहीं करती जिन्दगी की सकारात्मकता
विनाश नहीं करती जिन्दगी की सकारात्मकता
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
न ठंड ठिठुरन, खेत न झबरा,
न ठंड ठिठुरन, खेत न झबरा,
Sanjay ' शून्य'
माघी पूर्णिमा
माघी पूर्णिमा
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
कबीरपंथ से कबीर ही गायब / मुसाफ़िर बैठा
कबीरपंथ से कबीर ही गायब / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
मकर संक्रांति -
मकर संक्रांति -
Raju Gajbhiye
कोयल कूके
कोयल कूके
Vindhya Prakash Mishra
यही पाँच हैं वावेल (Vowel) प्यारे
यही पाँच हैं वावेल (Vowel) प्यारे
Jatashankar Prajapati
बाल कविता :भीगी बिल्ली
बाल कविता :भीगी बिल्ली
Ravi Prakash
चाय - दोस्ती
चाय - दोस्ती
Kanchan Khanna
" मेरा राज मेरा भगवान है "
Dr Meenu Poonia
रात एक खिड़की है
रात एक खिड़की है
Surinder blackpen
सांस
सांस
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
क्या कहुं ऐ दोस्त, तुम प्रोब्लम में हो, या तुम्हारी जिंदगी
क्या कहुं ऐ दोस्त, तुम प्रोब्लम में हो, या तुम्हारी जिंदगी
लक्की सिंह चौहान
😊अपडेट😊
😊अपडेट😊
*Author प्रणय प्रभात*
जब ख्वाब भी दर्द देने लगे
जब ख्वाब भी दर्द देने लगे
Pramila sultan
चंद किरणे चांद की चंचल कर गई
चंद किरणे चांद की चंचल कर गई
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
ये साल बीत गया पर वो मंज़र याद रहेगा
ये साल बीत गया पर वो मंज़र याद रहेगा
Keshav kishor Kumar
हम कितने आजाद
हम कितने आजाद
लक्ष्मी सिंह
गृहस्थ-योगियों की आत्मा में बसे हैं गुरु गोरखनाथ
गृहस्थ-योगियों की आत्मा में बसे हैं गुरु गोरखनाथ
कवि रमेशराज
तुम्हारा इक ख्याल ही काफ़ी है
तुम्हारा इक ख्याल ही काफ़ी है
Aarti sirsat
सत्य = सत ( सच) यह
सत्य = सत ( सच) यह
डॉ० रोहित कौशिक
जस का तस / (नवगीत)
जस का तस / (नवगीत)
ईश्वर दयाल गोस्वामी
विश्वकर्मा जयंती उत्सव की सभी को हार्दिक बधाई
विश्वकर्मा जयंती उत्सव की सभी को हार्दिक बधाई
Harminder Kaur
Loading...