किसान की समस्या
खेत खलिहान में
हाहाकार
किसान पर हो रहा
अत्याचार
किसान खड़ा है
सड़को पर
लुट गया खेत
व्यापारी की रेटो पर
झूठा भरोसा
झूठा विस्वास
सरकार दे रही
व्यापारी का साथ
किसान करेगा
व्यापारी की वेगार
सरकार देगी
कानूनी अधिकार
खेत में बिखरा
खून है
किसानों का सपना
चकनाचूर है ।
ना होगी मंडी अपनी
ना होगा अपना वजूद
व्यापारी मचाएगा
लूटम लूट ।
सरकार भूल गई
अपनी औकात को
किसान ढो रहा
उनके पाप को ।
किसान रो रहा
कौने में
मजबूर कर दिया
जीवन खोने में ।
भटक रहा किसान है
सरकार का अभियान है
किसान को करो मजबूर
बना दो कारपोरेट का मजदूर ।
खेती किसान का
घर वार है
जिसे छीन रही
सरकार हैं ।