किसान और बादल
उमड,घुमड के आते बादल,
गोरे बादल,काले बादल,
गरज गरज के गाते बादल,
बिन बरखे,जब जाते बादल,
उम्मीदों को करके घायल,
ये काले बादल,ये गोरे बादल,
उमड घुमड कर जब जाते बादल,
सुखी धरती,नदियां,सुखी,
पतिया्ं सुखी,डाल भी सुखी,
पथराई आखें,स्वास भी सुखी,
बोझिल मन,अब आस भी टुटी,
गोरे बादल,काले बादल,
बिन बरखे जब जाते बादल,
तडित तडीता कि चमक धमक,
तुफानी बौछारों कि तडक भडक,
्ओलों कि भी,कडक धडक,
खेतों मे तब बिखर जाती फसल,
आखों से आसूं,निकल निकल,
मन को कर देता घायल,
मेहनत जब हो जाती,विफल,
कल कि चिन्ता मे आज विकल,
काले बादल गोरे बादल,
गरज गरज के जब आते बादल ,
बरसे या बिन बरसे जब जाते बादल,
उम्मीदों को करके घायल,
आते बादल जाते बादल ।