Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Sep 2020 · 1 min read

किताब

आज मैं मिलूंगा
एक बार फिर स्वयं से
कभी हरी घास पर
कभी बादलों में
कभी मखमली बिस्तर की
झीनी चादर पर
पैर पसारकर उन्मुक्त
उच्छृंखल पूर्ववत
हाथों के मध्य
शब्द गहरे होंगे
प्रिय तुम
संग होगी मेरे
झीने आवरण में बंधी
किताब तुम

मनोज शर्मा

Language: Hindi
1 Like · 238 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ये संगम दिलों का इबादत हो जैसे
ये संगम दिलों का इबादत हो जैसे
VINOD CHAUHAN
*कर्म बंधन से मुक्ति बोध*
*कर्म बंधन से मुक्ति बोध*
Shashi kala vyas
*आया चैत सुहावना,ऋतु पावन मधुमास (कुंडलिया)*
*आया चैत सुहावना,ऋतु पावन मधुमास (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
आलस्य का शिकार
आलस्य का शिकार
Paras Nath Jha
सुविचार
सुविचार
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
हम ख़फ़ा हो
हम ख़फ़ा हो
Dr fauzia Naseem shad
सब चाहतें हैं तुम्हे...
सब चाहतें हैं तुम्हे...
सिद्धार्थ गोरखपुरी
ठण्डी राख़ - दीपक नीलपदम्
ठण्डी राख़ - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस...
राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस...
डॉ.सीमा अग्रवाल
ये प्यार की है बातें, सुनलों जरा सुनाउँ !
ये प्यार की है बातें, सुनलों जरा सुनाउँ !
DrLakshman Jha Parimal
मोहब्बत शायरी
मोहब्बत शायरी
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
हवा बहुत सर्द है
हवा बहुत सर्द है
डॉ. श्री रमण 'श्रीपद्'
न दोस्ती है किसी से न आशनाई है
न दोस्ती है किसी से न आशनाई है
Shivkumar Bilagrami
तस्वीर देख कर सिहर उठा था मन, सत्य मरता रहा और झूठ मारता रहा…
तस्वीर देख कर सिहर उठा था मन, सत्य मरता रहा और झूठ मारता रहा…
Anand Kumar
अगर आपमें मानवता नहीं है,तो मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप क
अगर आपमें मानवता नहीं है,तो मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप क
विमला महरिया मौज
कविता
कविता
Rambali Mishra
"बहुत दिनों से"
Dr. Kishan tandon kranti
2811. *पूर्णिका*
2811. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
त्याग
त्याग
AMRESH KUMAR VERMA
जब अपने ही कदम उलझने लगे अपने पैरो में
जब अपने ही कदम उलझने लगे अपने पैरो में
'अशांत' शेखर
माँ का अबोला / मुसाफ़िर बैठा
माँ का अबोला / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
*सांच को आंच नहीं*
*सांच को आंच नहीं*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
बेवफा
बेवफा
Neeraj Agarwal
'तिमिर पर ज्योति'🪔🪔
'तिमिर पर ज्योति'🪔🪔
पंकज कुमार कर्ण
वो सोचते हैं कि उनकी मतलबी दोस्ती के बिना,
वो सोचते हैं कि उनकी मतलबी दोस्ती के बिना,
manjula chauhan
अतीत
अतीत
Shyam Sundar Subramanian
सीमा पर तनाव
सीमा पर तनाव
Shekhar Chandra Mitra
गीत
गीत
Shiva Awasthi
■ डूब मरो...
■ डूब मरो...
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...