Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Nov 2016 · 1 min read

कितनी आसान

कितनी आसान

कितनी आसान थी जिन्दगी की राहे.
मुश्किले तो खुद ही खरीद लेते है.

बहुत कुछ पा लेने पर भी हम.
बहुत पा लेने की चाह रखते है.

Language: Hindi
73 Likes · 562 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from DR.MDHU TRIVEDI
View all
You may also like:
ग़ज़ल/नज़्म - वो ही वैलेंटाइन डे था
ग़ज़ल/नज़्म - वो ही वैलेंटाइन डे था
अनिल कुमार
****मतदान करो****
****मतदान करो****
Kavita Chouhan
Thunderbolt
Thunderbolt
Pooja Singh
आज कोई नही अनजान,
आज कोई नही अनजान,
pravin sharma
अरमान
अरमान
Neeraj Agarwal
हो गई है भोर
हो गई है भोर
surenderpal vaidya
खुद से भी सवाल कीजिए
खुद से भी सवाल कीजिए
Mahetaru madhukar
तुम याद आये !
तुम याद आये !
Ramswaroop Dinkar
3122.*पूर्णिका*
3122.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जरूरी नहीं राहें पहुँचेगी सारी,
जरूरी नहीं राहें पहुँचेगी सारी,
Satish Srijan
मुॅंह अपना इतना खोलिये
मुॅंह अपना इतना खोलिये
Paras Nath Jha
सवर्ण
सवर्ण
Dr. Pradeep Kumar Sharma
VISHAL
VISHAL
Vishal Prajapati
कवि की लेखनी
कवि की लेखनी
Shyam Sundar Subramanian
*चाँद कुछ कहना है आज * ( 17 of 25 )
*चाँद कुछ कहना है आज * ( 17 of 25 )
Kshma Urmila
वक्त
वक्त
Madhavi Srivastava
जिन्दगी कुछ इस कदर रूठ गई है हमसे
जिन्दगी कुछ इस कदर रूठ गई है हमसे
श्याम सिंह बिष्ट
बड़े परिवर्तन तुरंत नहीं हो सकते, लेकिन प्रयास से कठिन भी आस
बड़े परिवर्तन तुरंत नहीं हो सकते, लेकिन प्रयास से कठिन भी आस
ललकार भारद्वाज
"गूंगी ग़ज़ल" के
*Author प्रणय प्रभात*
जीवन में सुख-चैन के,
जीवन में सुख-चैन के,
sushil sarna
तुम करो वैसा, जैसा मैं कहता हूँ
तुम करो वैसा, जैसा मैं कहता हूँ
gurudeenverma198
रामपुर का किला : जिसके दरवाजों के किवाड़ हमने कभी बंद होते नहीं देखे*
रामपुर का किला : जिसके दरवाजों के किवाड़ हमने कभी बंद होते नहीं देखे*
Ravi Prakash
अंत में पैसा केवल
अंत में पैसा केवल
Aarti sirsat
त्याग
त्याग
Punam Pande
सुख मेरा..!
सुख मेरा..!
Hanuman Ramawat
रामायण में भाभी
रामायण में भाभी "माँ" के समान और महाभारत में भाभी "पत्नी" के
शेखर सिंह
गरीबी हटाओं बनाम गरीबी घटाओं
गरीबी हटाओं बनाम गरीबी घटाओं
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
कि लड़का अब मैं वो नहीं
कि लड़का अब मैं वो नहीं
The_dk_poetry
हौसले से जग जीतता रहा
हौसले से जग जीतता रहा
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
शक्तिहीनों का कोई संगठन नहीं होता।
शक्तिहीनों का कोई संगठन नहीं होता।
Sanjay ' शून्य'
Loading...