Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Mar 2017 · 1 min read

कितना खूबसूरत जहाँ है

मैं हरे बाग देखता हूँ, लाल गुलाब भी
खिलते हुए उन्हें तेरे और मेरे लिए
मैं सोचता हूँ कितना खूबसूरत जहाँ है

मैं नीला आसमान देखता हूँ, सफ़ेद बादल भी
उजला जगमगाता दिन और गहरी अंधरी रातें
मैं सोचता हूँ कितना खूबसूरत जहाँ है

इंद्रधनुष के सुन्दर रंग आसमान में बिखरे हुए
चेहरे भी लोगों के ऐसे ही रंगों में गुज़रते हुए
दोस्त मेरे मेरा हाथ मिलाकर हाल चाल पूछते हैं
पर शायद ये कहते हुए कि वो मुझे चाहते हैं

मैं बच्चों का रोना सुनता हूँ, उन्हें बढ़ते हुए भी
वो कुछ इतना सीखते हैं कि मैं जीवन में भी ना सीख पाऊँ
मैं सोचता हूँ कितना खूबसूरत जहाँ है
हाँ, मैं सोचता हूँ कितना खूबसूरत जहाँ है

–प्रतीक

Language: Hindi
405 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बदनाम होने के लिए
बदनाम होने के लिए
Shivkumar Bilagrami
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
पूर्वोत्तर का दर्द ( कहानी संग्रह) समीक्षा
पूर्वोत्तर का दर्द ( कहानी संग्रह) समीक्षा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
खुदा जाने
खुदा जाने
Dr.Priya Soni Khare
जीवन रंगों से रंगा रहे
जीवन रंगों से रंगा रहे
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
ज़ब तक धर्मों मे पाप धोने की व्यवस्था है
ज़ब तक धर्मों मे पाप धोने की व्यवस्था है
शेखर सिंह
राम लला
राम लला
Satyaveer vaishnav
बज्जिका के पहिला कवि ताले राम
बज्जिका के पहिला कवि ताले राम
Udaya Narayan Singh
चली पुजारन...
चली पुजारन...
डॉ.सीमा अग्रवाल
“जिंदगी की राह ”
“जिंदगी की राह ”
Yogendra Chaturwedi
जीवन में जब विश्वास मर जाता है तो समझ लीजिए
जीवन में जब विश्वास मर जाता है तो समझ लीजिए
प्रेमदास वसु सुरेखा
गुजरा वक्त।
गुजरा वक्त।
Taj Mohammad
" मेरे प्यारे बच्चे "
Dr Meenu Poonia
मेरे जीने की एक वजह
मेरे जीने की एक वजह
Dr fauzia Naseem shad
बगुले तटिनी तीर से,
बगुले तटिनी तीर से,
sushil sarna
"फोटोग्राफी"
Dr. Kishan tandon kranti
ती सध्या काय करते
ती सध्या काय करते
Mandar Gangal
"प्यासा"मत घबराइए ,
Vijay kumar Pandey
कुछ लोग अच्छे होते है,
कुछ लोग अच्छे होते है,
Umender kumar
*कैसे भूले देश यह, तानाशाही-काल (कुंडलिया)*
*कैसे भूले देश यह, तानाशाही-काल (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
एक छोटा सा दर्द भी व्यक्ति के जीवन को रद्द कर सकता है एक साध
एक छोटा सा दर्द भी व्यक्ति के जीवन को रद्द कर सकता है एक साध
Rj Anand Prajapati
वसुधा में होगी जब हरियाली।
वसुधा में होगी जब हरियाली।
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
तुम्ही ने दर्द दिया है,तुम्ही दवा देना
तुम्ही ने दर्द दिया है,तुम्ही दवा देना
Ram Krishan Rastogi
क्यूं हो शामिल ,प्यासों मैं हम भी //
क्यूं हो शामिल ,प्यासों मैं हम भी //
गुप्तरत्न
अपने आँसू
अपने आँसू
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
सूरज दादा ड्यूटी पर
सूरज दादा ड्यूटी पर
डॉ. शिव लहरी
प्रार्थना
प्रार्थना
Dr.Pratibha Prakash
भारत चाँद पर छाया हैं…
भारत चाँद पर छाया हैं…
शांतिलाल सोनी
हिन्दी दोहा बिषय-ठसक
हिन्दी दोहा बिषय-ठसक
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
Loading...