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31 Jul 2017 · 1 min read

कितना कुछ बदल गया है इन दिनों

कितना कुछ बदल गया है इन दिनों
अब नहीं खिलते हैं वो कचनार
न ही खिलती हैं वो चम्पा और चमेली भी
नहीं बिखेरती रातरानी भी वो पहले सी खुश्बू

सभी तो भूल चुके हैं अपने आप को
और न खत्म होने वाली
चाहतों को पाने
गुम हैं सभी
दुनिया की अंधी दौड़ में

…….क्रमशः

लोधी डॉ. आशा ‘अदिति’
बैतूल

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 494 Views
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