Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Mar 2021 · 2 min read

काश ये सब

काश ये सब

नदी झरनों का कल- कल करता मधुर संगीत
मंद मंद बहती पवन
नीले – नीले आसमां से परिपूर्ण जीवन
दूर पर्वतों की तलहटी का शांत जीवन
कहीं दूर जंगल मे पक्षियों का मधुर गान
मन को प्रफुल्लित करती नदियों की लहरें
बागों मे पुष्पों के बीच खिलती खुशबू

काश ये सब मेरी जिंदगी का हिस्सा होते
काश ये सब मेरी जिंदगी का हिस्सा होते

कहीं बारिश की बूंदों से होता सराबोर तन
कहीं दूर देवालय के घंटे का मधुर स्वर
कहीं दूर पर्वतीय गुफा मे परमेश्वर को पाने का आभास
कहीं दूर अंगड़ाई लेती मौसम की बहार
कहीं कलम से निखरते सुन्दर आलाप

काश ये सब मेरी जिंदगी का हिस्सा होते
काश ये सब मेरी जिंदगी का हिस्सा होते

कहीं नारी मन मे पलते कोमल सपने
कहीं दूर पुसुश मन मे जन्म लेता आदर्शों का स्वर
रात से सुबह मे बदलने का सुन्दर आभास
कहीं रात मे तारों के खिलने का अनोखा संसार
कहीं माँ की लोरियों मे पलता बचपन का प्यार
कहीं द्वार पर करती एक नार अपने प्रियतम का इन्तजार

काश ये सब मेरी जिंदगी का हिस्सा होते
काश ये सब मेरी जिंदगी का हिस्सा होते

कहीं दूर सीमा पर देश की सुरक्षा मे व्यस्त वीर जवान
दिलों मे पलता जिनके देश प्रेम व समर्पण का विचार
कहीं दूर उनके माँ बाप उनकी लंबी उम्र की दुआयें करते
कहीं दूर प्रियतमा अपने प्रियतम का करती इन्तजार
कहीं देश की सुरक्षा के लिए वीर करते अपने प्राणों को न्योछावर

काश ये सब मेरी जिंदगी का हिस्सा होते
काश ये सब मेरी जिंदगी का हिस्सा होते

Language: Hindi
1 Like · 247 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
View all
You may also like:
खिलेंगे फूल राहों में
खिलेंगे फूल राहों में
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
महाभारत युद्ध
महाभारत युद्ध
Anil chobisa
चलो बनाएं
चलो बनाएं
Sûrëkhâ Rãthí
*.....थक सा गया  हू...*
*.....थक सा गया हू...*
Naushaba Suriya
तुम कहो कोई प्रेम कविता
तुम कहो कोई प्रेम कविता
Surinder blackpen
सोनपुर के पनिया में का अईसन बाऽ हो - का
सोनपुर के पनिया में का अईसन बाऽ हो - का
जय लगन कुमार हैप्पी
बूढ़ा बरगद का पेड़ बोला (मार्मिक कविता)
बूढ़ा बरगद का पेड़ बोला (मार्मिक कविता)
Dr. Kishan Karigar
अपनेपन की रोशनी
अपनेपन की रोशनी
पूर्वार्थ
"त्रिशूल"
Dr. Kishan tandon kranti
समाप्त हो गई परीक्षा
समाप्त हो गई परीक्षा
Vansh Agarwal
जोगीरा
जोगीरा
संजीव शुक्ल 'सचिन'
आप समझिये साहिब कागज और कलम की ताकत हर दुनिया की ताकत से बड़ी
आप समझिये साहिब कागज और कलम की ताकत हर दुनिया की ताकत से बड़ी
शेखर सिंह
जहर    ना   इतना  घोलिए
जहर ना इतना घोलिए
Paras Nath Jha
खोया है हरेक इंसान
खोया है हरेक इंसान
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
जिंदगी एडजस्टमेंट से ही चलती है / Vishnu Nagar
जिंदगी एडजस्टमेंट से ही चलती है / Vishnu Nagar
Dr MusafiR BaithA
***
*** " कभी-कभी...! " ***
VEDANTA PATEL
पितृ स्वरूपा,हे विधाता..!
पितृ स्वरूपा,हे विधाता..!
मनोज कर्ण
तू जब भी साथ होती है तो मेरा ध्यान लगता है
तू जब भी साथ होती है तो मेरा ध्यान लगता है
Johnny Ahmed 'क़ैस'
💐प्रेम कौतुक-428💐
💐प्रेम कौतुक-428💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
जेठ कि भरी दोपहरी
जेठ कि भरी दोपहरी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
लौट आओ ना
लौट आओ ना
VINOD CHAUHAN
यथार्थ
यथार्थ
Shyam Sundar Subramanian
किसी की छोटी-छोटी बातों को भी,
किसी की छोटी-छोटी बातों को भी,
नेताम आर सी
गाडगे पुण्यतिथि
गाडगे पुण्यतिथि
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
*हारो तो उठकर करो, दूने श्रम से काम (कुंडलिया)*
*हारो तो उठकर करो, दूने श्रम से काम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
दोष उनका कहां जो पढ़े कुछ नहीं,
दोष उनका कहां जो पढ़े कुछ नहीं,
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
■ आज का कटाक्ष...
■ आज का कटाक्ष...
*Author प्रणय प्रभात*
बाल कहानी- अधूरा सपना
बाल कहानी- अधूरा सपना
SHAMA PARVEEN
वो शिकायत भी मुझसे करता है
वो शिकायत भी मुझसे करता है
Shweta Soni
Loading...