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19 Jul 2017 · 1 min read

काश मुझमें भी होता हुनर लाखों कमाने का

काश
मुझमें भी होता
बिना खून-पसीना बहाये
एकड़ भर ज़मीन से
लाखों कमाने का हुनर

और बन जाता मैं भी
वो अखबारी कृषक

पर मैं तो बना रहा
बरसों से वही
लुटा-पिटा किसान
जो 4-6 महीने
जी-तोड़कर
खून-पसीना एक कर
रात-दिन मेहनत करता है

और अंत में फिर भी
नहीं बेच पाता है अपनी फसलें
समर्थन मूल्य पर भी

लोधी डॉ. आशा ‘अदिति’
बैतूल

Language: Hindi
1 Like · 817 Views
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