Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Mar 2017 · 1 min read

काश! पुनः लौटें दिन…

चिट्ठियाँ नहीं आतीं अब
अपनों की
आते हैं कॉल
औपचारिकता निभाने
जबकि चिट्ठियाँ सिर्फ़
सम्बन्ध निभाने का जरिया नहीं
अपितु परिचायक होती थीं कि
लिखी गयीं वह
भीतर से उठने वाली हूक़ के सहारे
प्रेम को परिभाषित करने
काश! पुनः लौटें वह दिन
*सतीश तिवारी ‘सरस’,नरसिंहपुर (म.प्र.)

Language: Hindi
379 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
राष्ट्रीय किसान दिवस
राष्ट्रीय किसान दिवस
Akash Yadav
उठाना होगा यमुना के उद्धार का बीड़ा
उठाना होगा यमुना के उद्धार का बीड़ा
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
मेला झ्क आस दिलों का ✍️✍️
मेला झ्क आस दिलों का ✍️✍️
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
’शे’र’ : ब्रह्मणवाद पर / मुसाफ़िर बैठा
’शे’र’ : ब्रह्मणवाद पर / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
दस लक्षण पर्व
दस लक्षण पर्व
Seema gupta,Alwar
एक मुलाकात अजनबी से
एक मुलाकात अजनबी से
Mahender Singh
*प्रभु का संग परम सुखदाई (चौपाइयॉं)*
*प्रभु का संग परम सुखदाई (चौपाइयॉं)*
Ravi Prakash
"मोहे रंग दे"
Ekta chitrangini
#ग़ज़ल
#ग़ज़ल
*Author प्रणय प्रभात*
प्यार की लौ
प्यार की लौ
Surinder blackpen
तोहमतें,रूसवाईयाँ तंज़ और तन्हाईयाँ
तोहमतें,रूसवाईयाँ तंज़ और तन्हाईयाँ
Shweta Soni
जख्मो से भी हमारा रिश्ता इस तरह पुराना था
जख्मो से भी हमारा रिश्ता इस तरह पुराना था
कवि दीपक बवेजा
माँ के बिना घर आंगन अच्छा नही लगता
माँ के बिना घर आंगन अच्छा नही लगता
Basant Bhagawan Roy
सफलता के बीज बोने का सर्वोत्तम समय
सफलता के बीज बोने का सर्वोत्तम समय
Paras Nath Jha
'आप ' से ज़ब तुम, तड़ाक,  तूँ  है
'आप ' से ज़ब तुम, तड़ाक, तूँ है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
अगर मुझे तड़पाना,
अगर मुझे तड़पाना,
Dr. Man Mohan Krishna
2498.पूर्णिका
2498.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
मिलन
मिलन
Gurdeep Saggu
तेरे दिल में मेरे लिए जगह खाली है क्या,
तेरे दिल में मेरे लिए जगह खाली है क्या,
Vishal babu (vishu)
आज का महाभारत 1
आज का महाभारत 1
Dr. Pradeep Kumar Sharma
ये भी सच है के हम नही थे बेइंतेहा मशहूर
ये भी सच है के हम नही थे बेइंतेहा मशहूर
'अशांत' शेखर
नहीं बदलते
नहीं बदलते
Sanjay ' शून्य'
त्रुटि ( गलती ) किसी परिस्थितिजन्य किया गया कृत्य भी हो सकता
त्रुटि ( गलती ) किसी परिस्थितिजन्य किया गया कृत्य भी हो सकता
Leena Anand
अगर ये सर झुके न तेरी बज़्म में ओ दिलरुबा
अगर ये सर झुके न तेरी बज़्म में ओ दिलरुबा
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
फिर मिलेंगें
फिर मिलेंगें
साहित्य गौरव
ज़िन्दगी का सफ़र
ज़िन्दगी का सफ़र
Sidhartha Mishra
मौन तपधारी तपाधिन सा लगता है।
मौन तपधारी तपाधिन सा लगता है।
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
"चाँद-तारे"
Dr. Kishan tandon kranti
काली मां
काली मां
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मेरे भईया
मेरे भईया
Dr fauzia Naseem shad
Loading...