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23 Sep 2021 · 1 min read

काश ! एक ऐसा इंकलाब आए …

काश ! मेरे देश में ऐसा इंकलाब आए ,
हिंदू ईद मनाए गर तो मुसलमान दिवाली मनाए।

हिंदू जवान शहीद हो रणभूमि में तो ,
तो मुसलमान उसके परिवार के प्रति फर्ज निभाए।

और जब मुसलमान शहीद हो जंग ए मैदान में ,
तो हिंदू उसका परिवार को संभालने आए ।

बच्चों / औरतों के सम्मान ,सुरक्षा और हक के लिए,
दोनो ही अपने मजहब की दीवारें फांद आएं ।

मंदिर और मस्जिद का कोई भेद न हो मन में,
जहां ईश्वर की याद आए वहां अपना सर झुका आएं

जब हिंदू और मुसलमान एक परिवार की तरह रहें ,
तभी मेरा भारत वास्तव में धर्म निरपेक्ष देश कहलाए,

Language: Hindi
246 Views
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