Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Jan 2021 · 1 min read

काव्य प्रतियोगिता अब मोबाइल से

काव्य प्रतियोगिता अब मोबाईल से
***************************
होने लगी है काव्य प्रतियोगिता अब मोबाईल से,
पड़ने लगी है वोट पाठको की अब मोबाईल से,
देखो कवि मंच बना है हर शहर मोबाईल पे,
हार जीत का फैसला होगा अब मोबाइल से।।
आर। के रस्तोगी गुरुग्राम
मो 9971006425

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 205 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ram Krishan Rastogi
View all
You may also like:
👍संदेश👍
👍संदेश👍
*Author प्रणय प्रभात*
आभार
आभार
Sanjay ' शून्य'
बट विपट पीपल की छांव 🐒🦒🐿️🦫
बट विपट पीपल की छांव 🐒🦒🐿️🦫
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
असुर सम्राट भक्त प्रह्लाद — वंश परिचय — 01
असुर सम्राट भक्त प्रह्लाद — वंश परिचय — 01
Kirti Aphale
*लिख दी रामायण अनूठी वाल्मीकि जी ने (घनाक्षरी)*
*लिख दी रामायण अनूठी वाल्मीकि जी ने (घनाक्षरी)*
Ravi Prakash
.........?
.........?
शेखर सिंह
वाराणसी की गलियां
वाराणसी की गलियां
PRATIK JANGID
परशुराम का परशु खरीदो,
परशुराम का परशु खरीदो,
Satish Srijan
बंद पंछी
बंद पंछी
लक्ष्मी सिंह
नारी हूँ मैं
नारी हूँ मैं
Kavi praveen charan
माँ सरस्वती अन्तर्मन मन में..
माँ सरस्वती अन्तर्मन मन में..
Vijay kumar Pandey
// प्रीत में //
// प्रीत में //
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
दोस्ती
दोस्ती
Neeraj Agarwal
2393.पूर्णिका
2393.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
कौन कितने पानी में
कौन कितने पानी में
Mukesh Jeevanand
शाश्वत और सनातन
शाश्वत और सनातन
Mahender Singh
Jindagi ka kya bharosa,
Jindagi ka kya bharosa,
Sakshi Tripathi
कुछ अनुभव एक उम्र दे जाते हैं ,
कुछ अनुभव एक उम्र दे जाते हैं ,
Pramila sultan
"फितूर"
Dr. Kishan tandon kranti
फागुन
फागुन
Punam Pande
कहां गए बचपन के वो दिन
कहां गए बचपन के वो दिन
Yogendra Chaturwedi
नहीं चाहता मैं यह
नहीं चाहता मैं यह
gurudeenverma198
विश्व रंगमंच दिवस पर....
विश्व रंगमंच दिवस पर....
डॉ.सीमा अग्रवाल
🔥वक्त🔥
🔥वक्त🔥
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
कोई साया
कोई साया
Dr fauzia Naseem shad
सफलता
सफलता
Vandna Thakur
आज सभी अपने लगें,
आज सभी अपने लगें,
sushil sarna
आ गया है मुस्कुराने का समय।
आ गया है मुस्कुराने का समय।
surenderpal vaidya
गुलाब के काॅंटे
गुलाब के काॅंटे
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
Loading...