काले धन के लोभी
राष्ट्र चल रहा तीब्र गति
उसे मंद कराने आये है,
काले धन के लोभी
भारत बंद कराने आये है।
हुए घोटाले कल तक जो
उस पर ये कुछ कहे नहीं,
ऐसा लगता मुख में शायद
तब जुबा ही रहे नही।
किया घोटाले, धन जो पाया
श्वेत कराने आये है,
काले धन के लोभी
भारत बंद कराने आये है।
जन – जन है परेशान की जैसे
आज ही इनको पता चला,
लूट – खसौट के मतवाले ये
इसमें इनकी खता ही क्या,
लूट- खसौट न बंद हो जाये
जतन कराने. आये है,
काले धन के लोभी
भारत बंद कराने आये है।
संतप्त है जनता कई वर्ष से
कब इनको यह पता रहा,
आज जो इनपे गाज गीरी है
यही तो ईनको सता रहा,
आज के इस परेशानी को
हथियार बनाने आये है,
काले धन के लोभी
भारत बंद कराने आये है।
हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई
आज सभी ने माना है,
जिस पथ पर हो भला राष्ट्र का
मार्ग वहीं अब जाना है,
इनके अनतः पाप पल रहा
उसको फैलाने आये है
काले धन के लोभी
भारत बंद कराने आये है।
राशन हो या नल पानी का
हर दिन यहाँ कतार लगा,
नेता जी को पता हो कैसे
“सचिन” किसी से क्या करना,
जन – जन को गुमराह करें
भौकाल मचाने आये है,
काले धन के लोभी
भारत बंद कराने आये है।
हुये थे दंगे सिख मरे
तब भारत बंद कराना था,
छोड़ के कुर्सी जन के खातिर
तभी सड़क पे आना था,
तब न आये अब आये
क्या मुह की खाने आये है,
काले धन के लोभी
भारत बंद कराने आये है।।
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©®पं. संजीव शुक्ल सचिन
……28/11/2016