Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Jan 2017 · 1 min read

“कारगिल”

ललकार हमें न ए जालिम
अब हमें नहीं सहना है !
खबरदार ए सरहदपार
कश्मीर हमारा अपना है !!
मत दोहरा इतिहास भूल से
इतिहास नया बनाके देख !
यारी को उत्सुक ये धरती
हाथ जरा बढ़ा के देख !!
अमन-चैन का सबक सीख ले
वरना तू पछताएगा !
कसम हमें है इस मिट्टी की
तू मिट्टी में मिल जाएगा !!
कारगिल के जर्रे-जर्रे से
यही आवाजें आती है !
दुश्मन देश संभल जा वरना
एक निशाना काफी है !!

Language: Hindi
600 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from राजेश बन्छोर
View all
You may also like:
आजादी विचारों से होनी चाहिये
आजादी विचारों से होनी चाहिये
Radhakishan R. Mundhra
बुरा समय था
बुरा समय था
Swami Ganganiya
ऑपरेशन सफल रहा( लघु कथा)
ऑपरेशन सफल रहा( लघु कथा)
Ravi Prakash
विश्वास
विश्वास
धर्मेंद्र अरोड़ा मुसाफ़िर
10-भुलाकर जात-मज़हब आओ हम इंसान बन जाएँ
10-भुलाकर जात-मज़हब आओ हम इंसान बन जाएँ
Ajay Kumar Vimal
"क्या देश आजाद है?"
Ekta chitrangini
वर्तमान, अतीत, भविष्य...!!!!
वर्तमान, अतीत, भविष्य...!!!!
Jyoti Khari
एक अलग ही खुशी थी
एक अलग ही खुशी थी
Ankita Patel
💐प्रेम कौतुक-467💐
💐प्रेम कौतुक-467💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
सारी गलतियां ख़ुद करके सीखोगे तो जिंदगी कम पड़ जाएगी, सफलता
सारी गलतियां ख़ुद करके सीखोगे तो जिंदगी कम पड़ जाएगी, सफलता
dks.lhp
2719.*पूर्णिका*
2719.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तू मेरी मैं तेरा, इश्क है बड़ा सुनहरा
तू मेरी मैं तेरा, इश्क है बड़ा सुनहरा
SUNIL kumar
मंज़िल को पाने के लिए साथ
मंज़िल को पाने के लिए साथ
DrLakshman Jha Parimal
महाशिवरात्रि
महाशिवरात्रि
Ram Babu Mandal
मुक्तक-विन्यास में रमेशराज की तेवरी
मुक्तक-विन्यास में रमेशराज की तेवरी
कवि रमेशराज
कुंडलिया - रंग
कुंडलिया - रंग
sushil sarna
गीतांश....
गीतांश....
Yogini kajol Pathak
लगाव
लगाव
Rajni kapoor
इस दुनिया में दोस्त हीं एक ऐसा विकल्प है जिसका कोई विकल्प नह
इस दुनिया में दोस्त हीं एक ऐसा विकल्प है जिसका कोई विकल्प नह
Shweta Soni
छुड़ा नहीं सकती मुझसे दामन कभी तू
छुड़ा नहीं सकती मुझसे दामन कभी तू
gurudeenverma198
कुछ नही मिलता आसानी से,
कुछ नही मिलता आसानी से,
manjula chauhan
■ ब्रांच हर गांव, कस्बे, शहर में।
■ ब्रांच हर गांव, कस्बे, शहर में।
*Author प्रणय प्रभात*
अब कलम से न लिखा जाएगा इस दौर का हाल
अब कलम से न लिखा जाएगा इस दौर का हाल
Atul Mishra
दोहा -
दोहा -
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
आज कृत्रिम रिश्तों पर टिका, ये संसार है ।
आज कृत्रिम रिश्तों पर टिका, ये संसार है ।
Manisha Manjari
राज़ की बात
राज़ की बात
Shaily
मोहतरमा कुबूल है..... कुबूल है /लवकुश यादव
मोहतरमा कुबूल है..... कुबूल है /लवकुश यादव "अज़ल"
लवकुश यादव "अज़ल"
रक्षाबंधन
रक्षाबंधन
Harminder Kaur
تہذیب بھلا بیٹھے
تہذیب بھلا بیٹھے
Ahtesham Ahmad
आप और जीवन के सच
आप और जीवन के सच
Neeraj Agarwal
Loading...