कामनाएं जब विराम पाने लगें
1.
कामनाएं जब विराम पाने लगें
अभिमान जब तुमसे दूर जाने लगे
अनुचरों से जब तुम्हें विरक्ति होने लगे
समझो तुम देवतुल्य मानव हो गए हो
2.
ठोकर खाकर भी
संभल गया हूँ मैं
ये मेरी कोशिश नहीं
तेरी इनायत है
ऐ मेरे खुदा
1.
कामनाएं जब विराम पाने लगें
अभिमान जब तुमसे दूर जाने लगे
अनुचरों से जब तुम्हें विरक्ति होने लगे
समझो तुम देवतुल्य मानव हो गए हो
2.
ठोकर खाकर भी
संभल गया हूँ मैं
ये मेरी कोशिश नहीं
तेरी इनायत है
ऐ मेरे खुदा