काबू में रख हमें
1.
काबू में रख हमें
रास्ता दिखा नेकी का
मकसद दे इंसानियत का
और जज़्बा आदमियत का
कोरे कागज़ की मानिंद न हो
जिन्दगी मेरी
अता कर इबादत का जज़्बा , और
गुजारिश है
कर मुझे सबके दिल का नूर
2.
जलवे तेरे करम के
इस कायनात में लाखों हज़ार
कुछ समंदर के इस पार
कुछ समंदर के उस पार