Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Dec 2020 · 1 min read

कान्ह राधा

कान्हा ने चाहा राधा को शिद्धत से
राधा ने चाहा कान्हा को मुद्धत से

पर सम्बन्ध परिणति विवाह में नहीं
प्रेम कहानी विरह कहानी बन गयी

प्रेम दोनों का रहा बहुत चंचल निर्मल
पर साबित हुआ बहुत जटिल निर्मम

देख घनानंद पकड़े कृष्ण भक्ति राह
सुन कविवृन्दों को रहे विरह की चाह

कृष्ण की समझे जाए राधा परछाईं
उस दिल में जा कैसे रूक्मणी समाई

फिर भी कृष्ण के रंग रंगी है प्रिय राधे
बिन जिसके वृषभानु सुता कुछ न छाजे

Language: Hindi
74 Likes · 1 Comment · 320 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from DR.MDHU TRIVEDI
View all
You may also like:
जीवन भर मरते रहे, जो बस्ती के नाम।
जीवन भर मरते रहे, जो बस्ती के नाम।
Suryakant Dwivedi
कोशिश करना छोड़ो मत,
कोशिश करना छोड़ो मत,
Ranjeet kumar patre
हमने सबको अपनाया
हमने सबको अपनाया
Vandna thakur
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
You do NOT need to take big risks to be successful.
You do NOT need to take big risks to be successful.
पूर्वार्थ
नारी का सम्मान 🙏
नारी का सम्मान 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
What I wished for is CRISPY king
What I wished for is CRISPY king
Ankita Patel
*चुनाव से पहले नेता जी बातों में तार गए*
*चुनाव से पहले नेता जी बातों में तार गए*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
!...............!
!...............!
शेखर सिंह
ज़माना
ज़माना
अखिलेश 'अखिल'
बिछड़ जाता है
बिछड़ जाता है
Dr fauzia Naseem shad
"तेरे लिए.." ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
"राष्ट्रपति डॉ. के.आर. नारायणन"
Dr. Kishan tandon kranti
💐प्रेम कौतुक-362💐
💐प्रेम कौतुक-362💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
आजादी दिवस
आजादी दिवस
लक्ष्मी सिंह
कांटा
कांटा
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
14- वसुधैव कुटुम्ब की, गरिमा बढाइये
14- वसुधैव कुटुम्ब की, गरिमा बढाइये
Ajay Kumar Vimal
एक हाथ में क़लम तो दूसरे में क़िताब रखते हैं!
एक हाथ में क़लम तो दूसरे में क़िताब रखते हैं!
The_dk_poetry
*चलो नई जिंदगी की शुरुआत करते हैं*.....
*चलो नई जिंदगी की शुरुआत करते हैं*.....
Harminder Kaur
-- मौत का मंजर --
-- मौत का मंजर --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
गुरुवर तोरे‌ चरणों में,
गुरुवर तोरे‌ चरणों में,
Kanchan Khanna
"दो पहलू"
Yogendra Chaturwedi
# जय.….जय श्री राम.....
# जय.….जय श्री राम.....
Chinta netam " मन "
दिल का खेल
दिल का खेल
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
दिल ने दिल को पुकारा, दिल तुम्हारा हो गया
दिल ने दिल को पुकारा, दिल तुम्हारा हो गया
Ram Krishan Rastogi
"मोहे रंग दे"
Ekta chitrangini
योग न ऐसो कर्म हमारा
योग न ऐसो कर्म हमारा
Dr.Pratibha Prakash
जय श्रीराम
जय श्रीराम
Indu Singh
*साड़ी का पल्लू धरे, चली लजाती सास (कुंडलिया)*
*साड़ी का पल्लू धरे, चली लजाती सास (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
कभी बारिश में जो भींगी बहुत थी
कभी बारिश में जो भींगी बहुत थी
Shweta Soni
Loading...