Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Oct 2016 · 1 min read

कान्हा तुम आ फिर से जाना

कान्हा तुम आ फिर से जाना
चित्त चुरा कर फिर ले जाना

बाँसुरी बजा कर मधुर मधुर
उर में आज समाते जाना

बन राधा प्रीत तुझे करती
लौं प्रेम की जलाये जाना

प्रेम दिवानी मीरा जैसी मैं
दर्शन मुझको तुम दे जाना

मार कंकड़ मटके फोड़ यहाँ
माखन मिश्री चुराते जाना

राज्य करे नर असुर यहाँ
उन असुरों को मारे जाना

भाँति -भाँति की गोपियाँ यहाँ
दिल में उनके बसते जाना

दुष्टों से व्याकुल जनजीवन
प्राण कंसों के हरते जाना

डॉ मधु त्रिवेदी

Language: Hindi
73 Likes · 315 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from DR.MDHU TRIVEDI
View all
You may also like:
मां कालरात्रि
मां कालरात्रि
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
जयंती विशेष : अंबेडकर जयंती
जयंती विशेष : अंबेडकर जयंती
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
कर दिया समर्पण सब कुछ तुम्हे प्रिय
कर दिया समर्पण सब कुछ तुम्हे प्रिय
Ram Krishan Rastogi
2637.पूर्णिका
2637.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
25-बढ़ रही है रोज़ महँगाई किसे आवाज़ दूँ
25-बढ़ रही है रोज़ महँगाई किसे आवाज़ दूँ
Ajay Kumar Vimal
पोषित करते अर्थ से,
पोषित करते अर्थ से,
sushil sarna
लेकिन, प्यार जहां में पा लिया मैंने
लेकिन, प्यार जहां में पा लिया मैंने
gurudeenverma198
" दिल गया है हाथ से "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
मस्तमौला फ़क़ीर
मस्तमौला फ़क़ीर
Shekhar Chandra Mitra
हकीकत
हकीकत
dr rajmati Surana
इतनी खुबसूरत नही होती मोहब्बत जितनी शायरो ने बना रखी है,
इतनी खुबसूरत नही होती मोहब्बत जितनी शायरो ने बना रखी है,
पूर्वार्थ
🫡💯मेरी competition शायरी💯🫡
🫡💯मेरी competition शायरी💯🫡
Ms.Ankit Halke jha
"उपबन्ध"
Dr. Kishan tandon kranti
*** रेत समंदर के....!!! ***
*** रेत समंदर के....!!! ***
VEDANTA PATEL
ख़ास विपरीत परिस्थिति में सखा
ख़ास विपरीत परिस्थिति में सखा
सिद्धार्थ गोरखपुरी
दिहाड़ी मजदूर
दिहाड़ी मजदूर
Vishnu Prasad 'panchotiya'
खड़ा चुनावों में है जो उसमें  , शरीफ- गुंडे का मेल देखो   (म
खड़ा चुनावों में है जो उसमें , शरीफ- गुंडे का मेल देखो (म
Ravi Prakash
चाय पार्टी
चाय पार्टी
Mukesh Kumar Sonkar
करनी होगी जंग
करनी होगी जंग
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
ख्वाब आँखों में सजा कर,
ख्वाब आँखों में सजा कर,
लक्ष्मी सिंह
हौसले से जग जीतता रहा
हौसले से जग जीतता रहा
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
ख़ुद अपने नूर से रौशन है आज की औरत
ख़ुद अपने नूर से रौशन है आज की औरत
Anis Shah
जरूरी नहीं की हर जख़्म खंजर ही दे
जरूरी नहीं की हर जख़्म खंजर ही दे
Gouri tiwari
************ कृष्ण -लीला ***********
************ कृष्ण -लीला ***********
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
#ग़ज़ल-
#ग़ज़ल-
*Author प्रणय प्रभात*
जो मासूम हैं मासूमियत से छल रहें हैं ।
जो मासूम हैं मासूमियत से छल रहें हैं ।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
राम नाम अतिसुंदर पथ है।
राम नाम अतिसुंदर पथ है।
Vijay kumar Pandey
स्वाधीनता के घाम से।
स्वाधीनता के घाम से।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
दुनिया की कोई दौलत
दुनिया की कोई दौलत
Dr fauzia Naseem shad
Loading...