Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Mar 2019 · 1 min read

“कान्हा की होली”

माखन चोर,भयौ चितचोर, जु बहियाँ पकरि कै, करत बरजोरी,
ग्वालन सँग,जु भरि सब रँग, करति हुड़दंग, जु खेलति होरी।

रँग लगाइ,कपोलन पै,जु चलौ मुसकाइ, हियन पै भारी,
अँग सबै,जु भिजोइ दयै,अब कासे कहौं सखि,लाज की मारी।

स्वाँग रचाइ कै,घूमै कोऊ,मदमस्त छटा,कछु बरनि न जाई,
अवनि के छोर,ते व्यौम तलक,चहुँ ओर अबीरहुँ की छवि छाई।

बाजत मदन मृदंग कहूँ, अरु ढोल की थाप पै, नाचत कोई,
भाँग के रँग माँ,चँग कोऊ, कछु आपुनि तान माँ, गावत कोई।

देवर करत किलोल कहूँ, अरु साली परै कहुँ, जीजा पै भारी,
परब हैं “आशा” कितैक भले,पर होरी की रीति सबन ते है न्यारी..!

डा0 आशा कुमार रस्तोगी
एम0डी0(मेडिसिन),डी0टी0सी0डी0,
श्री द्वारिका हास्पिटल,निकट भारतीय स्टेट बैंक, मोहम्मदी, लखीमपुर खीरी
उ0प्र0 262804

Language: Hindi
Tag: गीत
9 Likes · 9 Comments · 496 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
View all
You may also like:
तुम्हें अपना कहने की तमन्ना थी दिल में...
तुम्हें अपना कहने की तमन्ना थी दिल में...
Vishal babu (vishu)
एक कुंडलिया
एक कुंडलिया
SHAMA PARVEEN
मैं तो हमेशा बस मुस्कुरा के चलता हूॅ॑
मैं तो हमेशा बस मुस्कुरा के चलता हूॅ॑
VINOD CHAUHAN
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
" मैं तो लिखता जाऊँगा "
DrLakshman Jha Parimal
"व्याख्या-विहीन"
Dr. Kishan tandon kranti
वृंदा तुलसी पेड़ स्वरूपा
वृंदा तुलसी पेड़ स्वरूपा
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
गृहस्थ-योगियों की आत्मा में बसे हैं गुरु गोरखनाथ
गृहस्थ-योगियों की आत्मा में बसे हैं गुरु गोरखनाथ
कवि रमेशराज
कोई भी नही भूख का मज़हब यहाँ होता है
कोई भी नही भूख का मज़हब यहाँ होता है
Mahendra Narayan
नारी वो…जो..
नारी वो…जो..
Rekha Drolia
मेरे फितरत में ही नहीं है
मेरे फितरत में ही नहीं है
नेताम आर सी
अपनों को थोड़ासा समझो तो है ये जिंदगी..
अपनों को थोड़ासा समझो तो है ये जिंदगी..
'अशांत' शेखर
इंसान समाज में रहता है चाहे कितना ही दुनिया कह ले की तुलना न
इंसान समाज में रहता है चाहे कितना ही दुनिया कह ले की तुलना न
पूर्वार्थ
भोली बिटिया
भोली बिटिया
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
चूहा भी इसलिए मरता है
चूहा भी इसलिए मरता है
शेखर सिंह
ବାତ୍ୟା ସ୍ଥିତି
ବାତ୍ୟା ସ୍ଥିତି
Otteri Selvakumar
Ab kya bataye ishq ki kahaniya aur muhabbat ke afsaane
Ab kya bataye ishq ki kahaniya aur muhabbat ke afsaane
गुप्तरत्न
सत्य
सत्य
Dinesh Kumar Gangwar
झूठे से प्रेम नहीं,
झूठे से प्रेम नहीं,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
भीड़ की नजर बदल रही है,
भीड़ की नजर बदल रही है,
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
हनुमान जयंती
हनुमान जयंती
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
पयोनिधि नेह में घोली, मधुर सुर साज है हिंदी।
पयोनिधि नेह में घोली, मधुर सुर साज है हिंदी।
Neelam Sharma
#दोहा-
#दोहा-
*Author प्रणय प्रभात*
कंक्रीट के गुलशन में
कंक्रीट के गुलशन में
Satish Srijan
*बादल (बाल कविता)*
*बादल (बाल कविता)*
Ravi Prakash
पाषाण जज्बातों से मेरी, मोहब्बत जता रहे हो तुम।
पाषाण जज्बातों से मेरी, मोहब्बत जता रहे हो तुम।
Manisha Manjari
💐प्रेम कौतुक-491💐
💐प्रेम कौतुक-491💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
एतबार इस जमाने में अब आसान नहीं रहा,
एतबार इस जमाने में अब आसान नहीं रहा,
manjula chauhan
मुस्कुराहट से बड़ी कोई भी चेहरे की सौंदर्यता नही।
मुस्कुराहट से बड़ी कोई भी चेहरे की सौंदर्यता नही।
Rj Anand Prajapati
2735. *पूर्णिका*
2735. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...