Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Aug 2016 · 1 min read

कान्हा की मतवारी दुनिया

कान्हा की मतवारी दुनिया
जपती राधा रानी दुनिया

मुरली की जब तान सुनाये
सुध बुध खोये सारी दुनिया

पल भर में बदले है जीवन
लीला देखे न्यारी दुनिया

जब जब दुष्ट बढ़े धरती पर
कान्हा तुमने तारी दुनिया

गीता का उपदेश दिया तब
अपनों से जब हारी दुनिया

आओ कान्हा फिर धरती पर
है पापों से भारी दुनिया

मिलती नही ‘अर्चना’ खुशियाँ
अब अँसुवन से खारी दुनिया

डॉ अर्चना गुप्ता

3 Comments · 301 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Archana Gupta
View all
You may also like:
समीक्ष्य कृति: बोल जमूरे! बोल
समीक्ष्य कृति: बोल जमूरे! बोल
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
गोरी का झुमका
गोरी का झुमका
Surinder blackpen
2865.*पूर्णिका*
2865.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
💐प्रेम कौतुक-453💐
💐प्रेम कौतुक-453💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
⚘*अज्ञानी की कलम*⚘
⚘*अज्ञानी की कलम*⚘
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
माँ की दुआ इस जगत में सबसे बड़ी शक्ति है।
माँ की दुआ इस जगत में सबसे बड़ी शक्ति है।
लक्ष्मी सिंह
अपनी क़िस्मत को हम
अपनी क़िस्मत को हम
Dr fauzia Naseem shad
"कवि के हृदय में"
Dr. Kishan tandon kranti
पीड़ित करती न तलवार की धार उतनी जितनी शब्द की कटुता कर जाती
पीड़ित करती न तलवार की धार उतनी जितनी शब्द की कटुता कर जाती
नव लेखिका
ओ पथिक तू कहां चला ?
ओ पथिक तू कहां चला ?
Taj Mohammad
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
सिर्फ विकट परिस्थितियों का सामना
सिर्फ विकट परिस्थितियों का सामना
Anil Mishra Prahari
आलस्य का शिकार
आलस्य का शिकार
Paras Nath Jha
** वर्षा ऋतु **
** वर्षा ऋतु **
surenderpal vaidya
जान का नया बवाल
जान का नया बवाल
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
सम्यक योग की साधना दुरुस्त करे सब भोग,
सम्यक योग की साधना दुरुस्त करे सब भोग,
Mahender Singh Manu
*कहो बंधु क्या जेल हो गई (हिंदी गजल/गीतिका)*
*कहो बंधु क्या जेल हो गई (हिंदी गजल/गीतिका)*
Ravi Prakash
तपोवन है जीवन
तपोवन है जीवन
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
भारत के लाल को भारत रत्न
भारत के लाल को भारत रत्न
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
दोहे- उदास
दोहे- उदास
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
कविता: जर्जर विद्यालय भवन की पीड़ा
कविता: जर्जर विद्यालय भवन की पीड़ा
Rajesh Kumar Arjun
किस के लिए संवर रही हो तुम
किस के लिए संवर रही हो तुम
Ram Krishan Rastogi
मेरी निगाहों मे किन गुहानों के निशां खोजते हों,
मेरी निगाहों मे किन गुहानों के निशां खोजते हों,
Vishal babu (vishu)
आसाँ नहीं है - अंत के सच को बस यूँ ही मान लेना
आसाँ नहीं है - अंत के सच को बस यूँ ही मान लेना
Atul "Krishn"
मैं आग नही फिर भी चिंगारी का आगाज हूं,
मैं आग नही फिर भी चिंगारी का आगाज हूं,
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
उसी पथ से
उसी पथ से
Kavita Chouhan
मेरा विषय साहित्य नहीं है
मेरा विषय साहित्य नहीं है
Ankita Patel
मौत के डर से सहमी-सहमी
मौत के डर से सहमी-सहमी
VINOD CHAUHAN
बरगद का दरख़्त है तू
बरगद का दरख़्त है तू
Satish Srijan
कुत्ते / MUSAFIR BAITHA
कुत्ते / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
Loading...