Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Oct 2021 · 1 min read

कात्यायनी माँ

ऋषि कात्यायन की पुत्री माँ तुम करती हो बेड़ा पार
धरा पर ले अवतार करो कलियुगी दानवों का संहार
हो रही हर पल धर्म की हानि चोर उचक्के करते राज
अब तो माँ आ भी जाओ धरा पर ले कोई अवतार

Language: Hindi
80 Likes · 1 Comment · 574 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from DR.MDHU TRIVEDI
View all
You may also like:
नकारात्मक लोगो से हमेशा दूर रहना चाहिए
नकारात्मक लोगो से हमेशा दूर रहना चाहिए
शेखर सिंह
बच्चे पढ़े-लिखे आज के , माँग रहे रोजगार ।
बच्चे पढ़े-लिखे आज के , माँग रहे रोजगार ।
Anil chobisa
ग्रामीण ओलंपिक खेल
ग्रामीण ओलंपिक खेल
Shankar N aanjna
अंतरराष्ट्रीय वृद्ध दिवस पर
अंतरराष्ट्रीय वृद्ध दिवस पर
सत्य कुमार प्रेमी
झूम मस्ती में झूम
झूम मस्ती में झूम
gurudeenverma198
जनाजे में तो हम शामिल हो गए पर उनके पदचिन्हों पर ना चलके अपन
जनाजे में तो हम शामिल हो गए पर उनके पदचिन्हों पर ना चलके अपन
DrLakshman Jha Parimal
अपना...❤❤❤
अपना...❤❤❤
Vishal babu (vishu)
दोस्ती
दोस्ती
Shashi Dhar Kumar
जिन पांवों में जन्नत थी उन पांवों को भूल गए
जिन पांवों में जन्नत थी उन पांवों को भूल गए
कवि दीपक बवेजा
पाती
पाती
डॉक्टर रागिनी
सूर्य अराधना और षष्ठी छठ पर्व के समापन पर प्रकृति रानी यह सं
सूर्य अराधना और षष्ठी छठ पर्व के समापन पर प्रकृति रानी यह सं
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
2432.पूर्णिका
2432.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
मुस्कुराते हुए सब बता दो।
मुस्कुराते हुए सब बता दो।
surenderpal vaidya
परिश्रम
परिश्रम
ओंकार मिश्र
जिंदगी सितार हो गयी
जिंदगी सितार हो गयी
Mamta Rani
!! जलता हुआ चिराग़ हूँ !!
!! जलता हुआ चिराग़ हूँ !!
Chunnu Lal Gupta
*चाटुकार*
*चाटुकार*
Dushyant Kumar
तुम ये उम्मीद मत रखना मुझसे
तुम ये उम्मीद मत रखना मुझसे
Maroof aalam
दुनिया में अधिकांश लोग
दुनिया में अधिकांश लोग
*Author प्रणय प्रभात*
ज़माने की निगाहों से कैसे तुझपे एतबार करु।
ज़माने की निगाहों से कैसे तुझपे एतबार करु।
Phool gufran
सुकूं आता है,नहीं मुझको अब है संभलना ll
सुकूं आता है,नहीं मुझको अब है संभलना ll
गुप्तरत्न
"लोहे का पहाड़"
Dr. Kishan tandon kranti
विष का कलश लिये धन्वन्तरि
विष का कलश लिये धन्वन्तरि
कवि रमेशराज
समूचे साल में मदमस्त, सबसे मास सावन है (मुक्तक)
समूचे साल में मदमस्त, सबसे मास सावन है (मुक्तक)
Ravi Prakash
नजर  नहीं  आता  रास्ता
नजर नहीं आता रास्ता
Nanki Patre
कुछ अजीब सा चल रहा है ये वक़्त का सफ़र,
कुछ अजीब सा चल रहा है ये वक़्त का सफ़र,
Shivam Sharma
ताउम्र लाल रंग से वास्ता रहा मेरा
ताउम्र लाल रंग से वास्ता रहा मेरा
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
बेटियाँ
बेटियाँ
लक्ष्मी सिंह
पेट भरता नहीं है बातों से
पेट भरता नहीं है बातों से
Dr fauzia Naseem shad
तुम सत्य हो
तुम सत्य हो
Dr.Pratibha Prakash
Loading...