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1 Jan 2021 · 1 min read

कागज

सबने लिखा एक कोरे कागज पर ।वह कागज कविता मय हो गया।पढने बाले ने कैसे पढा .कैसे कि दीदार हो गया ।मैंने लिखा दिल के ऊपर अमिट हो गया ।यही करूणा के शब्दों का खेल है।पृयारे शब्द ही बृमहृ है।न समझने बालों को तो.काला कागज हो गया।भ

Language: Hindi
1 Comment · 398 Views
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