काँटों में है गुलाब क्या करें
काँटों में है गुलाब क्या करें
आँखों में है शैलाब क्या करें
जो हक़ीक़त होना मुमकिन नहीं
देखे हैं ऐसे ख़्वाब क्या करें
ग़मों को गिनेंगे तो और ग़म होगा
ऐ ज़िंदगी तेरा हिसाब क्या करें
इस हाल में हँसी आये तो कैसे ‘अर्श’
दिल का मौसम है खराब क्या करें