Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Jul 2017 · 1 min read

कहाँ आ गए हम

ये कौन सी मंजिल,कहाँ आ गये हम.
धरा है या क्षितिज,जिसे पा गये हम.

ज़िंदगी के इस मोड़ पे मिले हो तुम,
सारा जहाँ छोड़,तुम्हें भा गये हम.

उतरते रहे रुह में कुछ इस तरह,
चेहरे ही नही साँसों में छा गये हम.

इश्क का जज्बा देखा उन अश्कों में,
समन्दर सा सैलाब आँखों में ला गये हम.

है असर कुछ यूँ इश्क का हम पर,
दूरियां भी नजदीकियों में ला गये हम.

टूटी माला सी बिखरी थी अब तक यूँ,
पाकर तुम्हें अपनी मंजिल पे आ गये हम.

शिकवा ना शिकायत, बस इतना सा फसाना,
“आरती” बन तुम्हारी लौ पा गये हम.

©® आरती लोहनी

1 Like · 433 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
पत्नीजी मायके गयी,
पत्नीजी मायके गयी,
Satish Srijan
2558.पूर्णिका
2558.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
सवाल जिंदगी के
सवाल जिंदगी के
Dr. Rajeev Jain
कितना लिखता जाऊँ ?
कितना लिखता जाऊँ ?
The_dk_poetry
इमारत बड़ी थी वो
इमारत बड़ी थी वो
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
बुद्ध धम्म हमारा।
बुद्ध धम्म हमारा।
Buddha Prakash
त्यौहार
त्यौहार
Mukesh Kumar Sonkar
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-150 से चुने हुए श्रेष्ठ 11 दोहे
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-150 से चुने हुए श्रेष्ठ 11 दोहे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
साधना की मन सुहानी भोर से
साधना की मन सुहानी भोर से
OM PRAKASH MEENA
मेरा जीने का तरीका
मेरा जीने का तरीका
पूर्वार्थ
*नृप दशरथ चिंता में आए (कुछ चौपाइयॉं)*
*नृप दशरथ चिंता में आए (कुछ चौपाइयॉं)*
Ravi Prakash
"प्यार का रोग"
Pushpraj Anant
पृष्ठों पर बांँध से
पृष्ठों पर बांँध से
Neelam Sharma
मैथिली मुक्तक / मैथिली शायरी (Maithili Muktak / Maithili Shayari)
मैथिली मुक्तक / मैथिली शायरी (Maithili Muktak / Maithili Shayari)
Binit Thakur (विनीत ठाकुर)
आज मैं एक नया गीत लिखता हूँ।
आज मैं एक नया गीत लिखता हूँ।
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
फितरत ना बदल सका
फितरत ना बदल सका
goutam shaw
ज़ख़्म गहरा है सब्र से काम लेना है,
ज़ख़्म गहरा है सब्र से काम लेना है,
Phool gufran
यशोधरा के प्रश्न गौतम बुद्ध से
यशोधरा के प्रश्न गौतम बुद्ध से
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
आशा की एक किरण
आशा की एक किरण
Mamta Rani
यह रूठना मनाना, मनाकर फिर रूठ जाना ,
यह रूठना मनाना, मनाकर फिर रूठ जाना ,
कवि दीपक बवेजा
ससुराल गेंदा फूल
ससुराल गेंदा फूल
Seema gupta,Alwar
💐कुछ तराने नए सुनाना कभी💐
💐कुछ तराने नए सुनाना कभी💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
कलियों सा तुम्हारा यौवन खिला है।
कलियों सा तुम्हारा यौवन खिला है।
Rj Anand Prajapati
अपने मन के भाव में।
अपने मन के भाव में।
Vedha Singh
एक दिन देखना तुम
एक दिन देखना तुम
gurudeenverma198
कहो तो..........
कहो तो..........
Ghanshyam Poddar
व्यंग्य आपको सिखलाएगा
व्यंग्य आपको सिखलाएगा
Pt. Brajesh Kumar Nayak
दिल का दर्द💔🥺
दिल का दर्द💔🥺
$úDhÁ MãÚ₹Yá
■ एक_और_बरसी...
■ एक_और_बरसी...
*Author प्रणय प्रभात*
द माउंट मैन: दशरथ मांझी
द माउंट मैन: दशरथ मांझी
Jyoti Khari
Loading...