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2 Aug 2016 · 1 min read

कहाँ अब वो मौसम पुराना रहा है

कहाँ अब वो मौसम पुराना रहा है
नही तेरा मेरा अब जमाना रहा है
*************************
लग गये पैबन्द से रिश्तों में अब तो
रहा कुछ न बाकी, निभाना रहा है
**************************
कपिल कुमार
02/07/2016

Language: Hindi
307 Views
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