Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Feb 2021 · 1 min read

कश्त…

यादों के कश्त में सुलग कर रह गये,
आँखों का दर्द जुबान पी गये,
जिंदगी की तलब में भटके जो दरबदर,
खुदके पते से भी अंजान रह गये,
अब की जो मंजिले पुकारती हैं,
शोर कानों को झंझोरती हैं,
शौक मुहब्बत का माचिस सा था,
आग जो सुलगी तो पूरा आशियाँ जला गयी…

अब के दाय़रें में रखेंगे दिल के कदम,
पहरों में रखेंगे सुखते आँसू नम,
पतझड़ ही थी बिछड़े साल की मुहब्बत,
सोच कर यह ना अपना बागबान ना उजाडेंगे…

वो शौक से अपनी मुहब्बत औरों पर लुटा दे,
अब के मुहब्बत का नाम लेंगे,
इस लिए के तुम बेवफा निकले,
इस धोखे में अपनी मुहब्बत को,
हर किसी पर अब के ना निलाम करेंगे….
#sapna

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 219 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
Ajib shakhshiyat hoti hai khuch logo ki ,
Ajib shakhshiyat hoti hai khuch logo ki ,
Sakshi Tripathi
ना आसमान सरकेगा ना जमीन खिसकेगी।
ना आसमान सरकेगा ना जमीन खिसकेगी।
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
5 हिन्दी दोहा बिषय- विकार
5 हिन्दी दोहा बिषय- विकार
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
"हाथों की लकीरें"
Ekta chitrangini
शायरी
शायरी
goutam shaw
■ आज का संकल्प...
■ आज का संकल्प...
*Author प्रणय प्रभात*
वेतन की चाहत लिए एक श्रमिक।
वेतन की चाहत लिए एक श्रमिक।
Rj Anand Prajapati
सवर्ण और भगवा गोदी न्यूज चैनलों की तरह ही सवर्ण गोदी साहित्य
सवर्ण और भगवा गोदी न्यूज चैनलों की तरह ही सवर्ण गोदी साहित्य
Dr MusafiR BaithA
DR ARUN KUMAR SHASTRI
DR ARUN KUMAR SHASTRI
DR ARUN KUMAR SHASTRI
आप जब हमको दिखते हैं
आप जब हमको दिखते हैं
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मैं रचनाकार नहीं हूं
मैं रचनाकार नहीं हूं
Manjhii Masti
कभी हुनर नहीं खिलता
कभी हुनर नहीं खिलता
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
मुसाफिर
मुसाफिर
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
छुप जाता है चाँद, जैसे बादलों की ओट में l
छुप जाता है चाँद, जैसे बादलों की ओट में l
सेजल गोस्वामी
अजन्मी बेटी का प्रश्न!
अजन्मी बेटी का प्रश्न!
Anamika Singh
सृजन तेरी कवितायें
सृजन तेरी कवितायें
Satish Srijan
वोटर की पॉलिटिक्स
वोटर की पॉलिटिक्स
Dr. Pradeep Kumar Sharma
कहें किस रंग से होली मनाना आप चाहेंगे ? (हास्य-गीत)
कहें किस रंग से होली मनाना आप चाहेंगे ? (हास्य-गीत)
Ravi Prakash
बैठी रहो कुछ देर और
बैठी रहो कुछ देर और
gurudeenverma198
भीनी भीनी आ रही सुवास है।
भीनी भीनी आ रही सुवास है।
Omee Bhargava
देखिए मायका चाहे अमीर हो या गरीब
देखिए मायका चाहे अमीर हो या गरीब
शेखर सिंह
लड़खाएंगे कदम
लड़खाएंगे कदम
Amit Pandey
जीवन का मकसद क्या है?
जीवन का मकसद क्या है?
Buddha Prakash
प्रेम की राह।
प्रेम की राह।
लक्ष्मी सिंह
काफी लोगो ने मेरे पढ़ने की तेहरिन को लेकर सवाल पूंछा
काफी लोगो ने मेरे पढ़ने की तेहरिन को लेकर सवाल पूंछा
पूर्वार्थ
जीवन के अंतिम पड़ाव पर लोककवि रामचरन गुप्त द्वारा लिखी गयीं लघुकथाएं
जीवन के अंतिम पड़ाव पर लोककवि रामचरन गुप्त द्वारा लिखी गयीं लघुकथाएं
कवि रमेशराज
"दिल चाहता है"
Pushpraj Anant
मेरी सच्चाई को बकवास समझती है
मेरी सच्चाई को बकवास समझती है
Keshav kishor Kumar
स्वाधीनता के घाम से।
स्वाधीनता के घाम से।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
"किताबों में उतारो"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...