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25 Mar 2017 · 1 min read

{{{{{ कवि }}}}}

[[[[ कवि ]]]]
###_दिनेश_एल०_जैहिंद

सोई आत्माअों को जो झंकृत कर दे
वही झंकार है कवि !
सोए शौर्य को जो जगाके जोश भर दे
वहीं ललकार है कवि !
बेईमानी, भ्रष्टाचार, अशांति के कुचक्र
को कुचल कर,,
समाज को उन्नत्तशील-अग्रणीय बना दे
वही कलमकार है कवि !

अपने शब्दवाण से हर अवसाद को भेद
कर राख कर देता है कवि !
अपने भाव से हर निष्ठुर आदमी को भाव
-विभोर कर देता है कवि !
अपनी भावनाओं, तमन्नाओं व खुशियों
को औरों पर निस्सार कर,,
हर पीड़ा,हर कष्ट, हर क्लेष, हर ग़म को
समाहित कर लेता है कवि !

कवि नाम है उस फलक का जो संरक्षण
देता है हर मजबूरों को !
कवि वह कहलाता है जो दिल लुटा देता
है बेशूमार बेसहारों को !
उगा देता है जो घास पत्थरों पर, खिलाता
है जो फूल कींचड़ों पर,,
कवि वही कलम की तपिश से जो पिघला
देता है कठोर पहाड़ों को !

दिनेश एल० “जैहिंद”
10. 01. 2017

Language: Hindi
420 Views
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