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11 Feb 2018 · 1 min read

कवि की कविता

सोच रहा था लिखूॅ शब्द में
मैं अपने एहसास
कुछ बातें अनूठी लिख दूँ
कुछ बातें हो खास।
समझ रहा हूँ एक बात तो,
अच्छा लेखन की है आस।
स्वयं सुखी हो पढकर कविता
किसी को आये यदि रास।
कोई समझ ले उत्तम कृति है
कोई समझ ले केवल हास।
कवि की कविता बह निकली जब
होता है कुछ भी एहसास ।
बात अमर हो कविता पाकर
वरना सब है व्यर्थ बकवास ।।
यही सकारात्मक सोच है,
बनी रहे जब तक कुछ आस।

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 482 Views
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