Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 May 2018 · 1 min read

कविता

कर देती सब दर्द कम
मेरे गाँव की सोंधी मिट्टी
खुशिया लेती हैं हिलोर
जब बापू की आये चिट्ठी
ना मुझे डर ना कोई चिंता
खेले हम कंकड़ और गिट्टी

कर देती सब दर्द कम
मेरे गाँव की सोंधी मिट्टी
थोड़ी सी हों अनबन अपनी
कहते हम है तुमसे कट्टी
खुब प्यार से सभी बुलाते
आओ गोलू आओ बिट्टी
ना ढाबा ना होता होटल
दावत में होता चोखा लिट्टी

कर देती सब दर्द कम
मेरे गांव की सोंधी मिट्टी

कैप्टन अजय मौर्या।

Language: Hindi
224 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ईश्वर के प्रतिरूप
ईश्वर के प्रतिरूप
Dr. Pradeep Kumar Sharma
"एहसानों के बोझ में कुछ यूं दबी है ज़िंदगी
दुष्यन्त 'बाबा'
रूठना मनाना
रूठना मनाना
Aman Kumar Holy
कोई मुरव्वत नहीं
कोई मुरव्वत नहीं
Mamta Singh Devaa
भगवा रंग में रंगें सभी,
भगवा रंग में रंगें सभी,
Neelam Sharma
Asman se khab hmare the,
Asman se khab hmare the,
Sakshi Tripathi
गुमराह जिंदगी में अब चाह है किसे
गुमराह जिंदगी में अब चाह है किसे
सिद्धार्थ गोरखपुरी
प्रेम और सद्भाव के रंग सारी दुनिया पर डालिए
प्रेम और सद्भाव के रंग सारी दुनिया पर डालिए
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
श्रम साधिका
श्रम साधिका
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
अपने अपने कटघरे हैं
अपने अपने कटघरे हैं
Shivkumar Bilagrami
घबरा के छोड़ दें
घबरा के छोड़ दें
Dr fauzia Naseem shad
2983.*पूर्णिका*
2983.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
खुद पर यकीं
खुद पर यकीं
Satish Srijan
फल आयुष्य
फल आयुष्य
DR ARUN KUMAR SHASTRI
" प्रार्थना "
Chunnu Lal Gupta
गौरवपूर्ण पापबोध
गौरवपूर्ण पापबोध
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
उसकी सुनाई हर कविता
उसकी सुनाई हर कविता
हिमांशु Kulshrestha
इसलिए तुमसे मिलता हूँ मैं बार बार
इसलिए तुमसे मिलता हूँ मैं बार बार
gurudeenverma198
*सबको भाती ई एम आई 【हिंदी गजल/गीतिका】*
*सबको भाती ई एम आई 【हिंदी गजल/गीतिका】*
Ravi Prakash
झील किनारे
झील किनारे
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
पुलवामा अटैक
पुलवामा अटैक
लक्ष्मी सिंह
शुद्ध
शुद्ध
Dr.Priya Soni Khare
"ऐसा मंजर होगा"
पंकज कुमार कर्ण
फ़ितरत को ज़माने की, ये क्या हो गया है
फ़ितरत को ज़माने की, ये क्या हो गया है
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मंत्र: श्वेते वृषे समारुढा, श्वेतांबरा शुचि:। महागौरी शुभ दध
मंत्र: श्वेते वृषे समारुढा, श्वेतांबरा शुचि:। महागौरी शुभ दध
Harminder Kaur
रंजीत कुमार शुक्ल
रंजीत कुमार शुक्ल
Ranjeet Kumar Shukla
आकाश दीप - (6 of 25 )
आकाश दीप - (6 of 25 )
Kshma Urmila
किस दौड़ का हिस्सा बनाना चाहते हो।
किस दौड़ का हिस्सा बनाना चाहते हो।
Sanjay ' शून्य'
राजतंत्र क ठगबंधन!
राजतंत्र क ठगबंधन!
Bodhisatva kastooriya
जिस दिन कविता से लोगों के,
जिस दिन कविता से लोगों के,
जगदीश शर्मा सहज
Loading...