बहोत आसान सी लगने लगी हो।
बहोत आसान सी लगने लगी हो!
हसनैन आक़िब
इधर कुछ दिन से जानां तुम
बहोत आसान सी लगने लगी हो।
बस ऐसा लग रहा है जैसे
मेरे हाथों पे बैठी, दाना चुगती
कोई मासूम सी एक फ़ाख़ता हो
मगर ये भी कहीं मेरा भ्रम ना हो
कहीं ऐसा ना हो
मैं कुछ लम्हे तुम्हारी सिम्त से गाफि़ल
हुआ और तुम
किसी दूजी हथेली पर
बड़े आराम से दाना
चुगो।
यही कारण है
मैं डरने लगा हूं
भला क्यों तुम
मुझे आसान सी लगने लगी हो?