Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Dec 2018 · 2 min read

कविता

“नूतन वर्ष”
*********

सभी ये साल नूतन हैं सभी यादें पुरानी हैं,
गुज़र जाएँ यहाँ जो पल कहें अपनी कहानी हैं।
सितम हर रोज़ झेले हैं लगी हर रुत सुहानी है,
कहूँ क्या आपसे यारों चढ़ी सब दिन जवानी है।

किए पहले कई स्वागत नए उपमान तन छाए,
हँसाया नित बहारों ने, नये मधुमास मन भाए।
नहीं सूना हुआ जीवन,खुशी के फूल खिल आए,
यहाँ हर रात मुरझाई ,सुबह नित गीत मिल गाए।

मिला जो शख़्स जीवन में उसे अपना बना डाला,
बना कर प्यार का रिश्ता उसे दिल में बसा डाला।
दिया धोखा ज़माने ने कहूँ क्या आपसे यारों,
कभी दुख में बहुत रोई नया सपना जला डाला।

लिखे सुख-दुख लकीरों में नई सौगात क्या पाई,
लुटाकर आशियाँ अपना खुशी की बात क्या आई।
मिला नायाब तोफ़ा आपको क्या इस ज़माने में,
लिए नव भोर का सूरज अनोखी रात क्या छाई।

बना ऋतुराज पिछले साल को पतझड़ समझते हो,
घटा इक वर्ष जीवन से भुला क्यों हर्ष करते हो।
यहाँ कुल मास बारह हैं वही मौसम वही ऋतु हैं,
भला क्या खास है इसमें जिसे नववर्ष कहते हो।

नया ये साल जीवन में नई पहचान बन आए,
पुराने ग़म भुलाने को अधर मुस्कान बन छाए।
दुआ करती सदा दिल से रहे खुशहाल ये जीवन,
मिले खुशियाँ ज़माने की नया मेहमान बन जाए।

सलामे इश्क नूतन साल तुमको इस ज़माने में,
बसा कर याद में अपनी कहेंगे हम फ़साने में।
मिलेगा क्या किसी को आज फिर हमको सताने में,
बहेंगे आँख से आँसू मिलेगा क्या रुलाने में।

डॉ. रजनी अग्रवाल”वाग्देवी रत्ना”
वाराणसी(उ. प्र.)
संपादिका-साहित्य धरोहर

Language: Hindi
3 Likes · 262 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना'
View all
You may also like:
I am not born,
I am not born,
Ankita Patel
💐रामायणं तापस-प्रकरणं....💐
💐रामायणं तापस-प्रकरणं....💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
फितरत
फितरत
Awadhesh Kumar Singh
सुख दुःख
सुख दुःख
जगदीश लववंशी
“एक नई सुबह आयेगी”
“एक नई सुबह आयेगी”
पंकज कुमार कर्ण
खुद से प्यार
खुद से प्यार
लक्ष्मी सिंह
खून दोगे तुम अगर तो मैं तुम्हें आज़ादी दूँगा
खून दोगे तुम अगर तो मैं तुम्हें आज़ादी दूँगा
Dr Archana Gupta
जब तात तेरा कहलाया था
जब तात तेरा कहलाया था
Akash Yadav
सच तो फूल होते हैं।
सच तो फूल होते हैं।
Neeraj Agarwal
बड़ी होती है
बड़ी होती है
sushil sarna
कोई हमको ढूँढ़ न पाए
कोई हमको ढूँढ़ न पाए
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
हाँ मैं किन्नर हूँ…
हाँ मैं किन्नर हूँ…
Anand Kumar
मारी थी कभी कुल्हाड़ी अपने ही पांव पर ,
मारी थी कभी कुल्हाड़ी अपने ही पांव पर ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
स्वतंत्रता सेनानी नीरा आर्य
स्वतंत्रता सेनानी नीरा आर्य
Anil chobisa
*वोट को डाले बिना, हर तीर्थ-यात्रा पाप है (मुक्तक)*
*वोट को डाले बिना, हर तीर्थ-यात्रा पाप है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
सौंधी सौंधी महक मेरे मिट्टी की इस बदन में घुली है
सौंधी सौंधी महक मेरे मिट्टी की इस बदन में घुली है
'अशांत' शेखर
मन की बात
मन की बात
पूर्वार्थ
इंसानों के अंदर हर पल प्रतिस्पर्धा,स्वार्थ,लालच,वासना,धन,लोभ
इंसानों के अंदर हर पल प्रतिस्पर्धा,स्वार्थ,लालच,वासना,धन,लोभ
Rj Anand Prajapati
समर्पण
समर्पण
Sanjay ' शून्य'
समय की कविता
समय की कविता
Vansh Agarwal
*हिंदी मेरे देश की जुबान है*
*हिंदी मेरे देश की जुबान है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*रंग पंचमी*
*रंग पंचमी*
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
* किसे बताएं *
* किसे बताएं *
surenderpal vaidya
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कहार
कहार
Mahendra singh kiroula
अनसुलझे किस्से
अनसुलझे किस्से
Mahender Singh Manu
अपनी अपनी मंजिलें हैं
अपनी अपनी मंजिलें हैं
Surinder blackpen
ललकार
ललकार
Shekhar Chandra Mitra
मैं उसी पल मर जाऊंगा
मैं उसी पल मर जाऊंगा
श्याम सिंह बिष्ट
कुन का महल
कुन का महल
Satish Srijan
Loading...