कविता
25 दिसंबर क्रिसमस का
त्यौहार आया है
सेंटाक्लॉज बनकर ढेरों
उपहार लाया है।
केक काटकर जश्न मनाया
जीवन खुशियों की बहार
बच्चे सारे खुश हो गए
पाकर अनेक उपहार
सर्द हवाएं, ठण्डी आहें
तन-वदन कपकपाये
गुनगुनाती संदली धूप
सर्दी में सबको सुहाए
जिंगल बेल-जिंगल बेल
गीत से गूँज उठा गिरजाघर
क्रिसमस ट्री से सजा बाजार
लगता अदभुत मनोहर
आये दिव्य पुरूष धरती पे
यीशु सबके प्यारे
हैप्पी क्रिसमस बोले
बच्चे प्यारे–प्यारे
यीशु ने दिया मानव को
प्यार व स्नेह का वरदान
सदैव बनी रहे क्रिसमस पर
चेहरे पर मीठी मुस्कान।
सुमन अग्रवाल “सागरिका”
आगरा