Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Sep 2018 · 1 min read

कविता

“वैश्या का क्यों नाम दिया?”
*********************
वैश्या का अंतर्मन कहता
तू पाकीज़ा बन मिसाल,
देह रौंदते हैवानों से
कर ले आज लाख सवाल…।

किसकी बेटी ने खुद चल कर
कोठे को आबाद किया,
दुनिया के ठेकेदारों क्यों
वैश्या को बदनाम किया?

पत्नी लक्ष्मी इन मर्दों की
माँ-बेटी के रखवाले,
कोठे पर क्यों वैश्याओं के
जाकर जिस्म मसल डाले?

बेच दिया कोठे पर लाकर
रो-रो बाला हुई निढ़ाल,
पटकी सेज उतार नथुनिया
कुचल तन क्यों किया हलाल?

बंद हो गए सब दरवाजे
पग में घुँघरू बाँध दिए,
आलिंगन में क्यों भर-भर के
सौदागर ने जाम पिए?

अपने कृत्य छिपाने को क्यों
कोठे को बदनाम किया,
पावन गंगा मैली करके
वैश्या का क्यों नाम दिया?

देखो मैं किस्मत की मारी
बिक हाथों में चली गई,
सूनी माँग सुहागन बन कर
बिस्तर पर क्यों छली गई?

कभी दर्द की दवा बनी मैं
कभी खिलौना बन टूटी,
जिस्म रौंद कर इन मर्दों ने
मेरी लज्जा क्यों लूटी?

जिन वहशी से चलते कोठे
आज बार में वो जाते,
रात बिता कर इन बारों में
कोठों को क्यों झुँठलाते?

आज झाँक खिड़की, छज्जों से
ग्राहक अपना खोज रही,
बार में नर्तन देख किसी का
अपने को क्यों कोस रही?

हर घर-आँगन धूम मची है
ईद, दिवाली या होली,
ज्योति बिना अँधियारी गलियाँ
मेरी खाली क्यों झोली?

इज्ज़त को मैं तरस रही हूँ
भूखी -प्यासी- दुत्कारी,
बीच भँवर में डूबे नैया
आन बचा लो गिरधारी।

डॉ. रजनी अग्रवाल “वाग्देवी रत्ना”
वाराणसी (उ. प्र.)
संपादिका-साहित्य धरोहर

Language: Hindi
239 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना'
View all
You may also like:
सोते में भी मुस्कुरा देते है हम
सोते में भी मुस्कुरा देते है हम
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
*जो होता पेड़ रूपयों का (सात शेर)*
*जो होता पेड़ रूपयों का (सात शेर)*
Ravi Prakash
यही सच है कि हासिल ज़िंदगी का
यही सच है कि हासिल ज़िंदगी का
Neeraj Naveed
ट्रेन दुर्घटना
ट्रेन दुर्घटना
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
जाने कहा गये वो लोग
जाने कहा गये वो लोग
Abasaheb Sarjerao Mhaske
ले आओ बरसात
ले आओ बरसात
Santosh Barmaiya #jay
खो गया सपने में कोई,
खो गया सपने में कोई,
Mohan Pandey
"सूदखोरी"
Dr. Kishan tandon kranti
#एहतियातन...
#एहतियातन...
*Author प्रणय प्रभात*
" खामोश आंसू "
Aarti sirsat
एक बछड़े को देखकर
एक बछड़े को देखकर
Punam Pande
तुम करो वैसा, जैसा मैं कहता हूँ
तुम करो वैसा, जैसा मैं कहता हूँ
gurudeenverma198
क्या होगा कोई ऐसा जहां, माया ने रचा ना हो खेल जहां,
क्या होगा कोई ऐसा जहां, माया ने रचा ना हो खेल जहां,
Manisha Manjari
आप और हम जीवन के सच
आप और हम जीवन के सच
Neeraj Agarwal
* यौवन पचास का, दिल पंद्रेह का *
* यौवन पचास का, दिल पंद्रेह का *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
हँस लो! आज  दर-ब-दर हैं
हँस लो! आज दर-ब-दर हैं
दुष्यन्त 'बाबा'
Love
Love
Abhijeet kumar mandal (saifganj)
3112.*पूर्णिका*
3112.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
शुरू करते हैं फिर से मोहब्बत,
शुरू करते हैं फिर से मोहब्बत,
Jitendra Chhonkar
श्रीराम गाथा
श्रीराम गाथा
मनोज कर्ण
फेसबुक
फेसबुक
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
वृक्षों के उपकार....
वृक्षों के उपकार....
डॉ.सीमा अग्रवाल
एक मीठा सा एहसास
एक मीठा सा एहसास
हिमांशु Kulshrestha
"चंदा मामा, चंदा मामा"
राकेश चौरसिया
मोहब्बत कर देती है इंसान को खुदा।
मोहब्बत कर देती है इंसान को खुदा।
Surinder blackpen
????????
????????
शेखर सिंह
सारे  ज़माने  बीत  गये
सारे ज़माने बीत गये
shabina. Naaz
প্রফুল্ল হৃদয় এবং হাস্যোজ্জ্বল চেহারা
প্রফুল্ল হৃদয় এবং হাস্যোজ্জ্বল চেহারা
Sakhawat Jisan
💐Prodigy Love-35💐
💐Prodigy Love-35💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
पेडों को काटकर वनों को उजाड़कर
पेडों को काटकर वनों को उजाड़कर
ruby kumari
Loading...