Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Dec 2016 · 1 min read

कविता

“तुम्हारी यादे”
जब तुम नही हो अब आस पास
होता क्यों हर पल तुम्हारा एहसास
रूहकी गहाईयों से उठती कोई आवाज
जाने कैसी रहती ये अनजानी तलाश

कोहरे के बीच मे कभी झिलमिलाती
दिखती छुपती कभी खलखिलाती
अक्स कोई जैसे आहट तुम्हारे होने की
छिटकी किरणों सी यादें जगमगाती ।

घेर लेती है रोज चुपके से आकर
खामोशी की मखमली एक चादर
तनहाईयों मे कुछ खोती कुछ पाती मै
वक्त की डोर पर यादों को पीरोकर

शाम सुरमयी सोख लेती आसमानी अबीर
शूल सा चुभता तुम्हारे यादों की पीर
खुद ही खुद को समझाती लेती मै
रोकर उमड़ते मचलते नैनो की नीर ।

प्रमिला श्री

Language: Hindi
1 Like · 317 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
वाक़िफ नहीं है कोई
वाक़िफ नहीं है कोई
Dr fauzia Naseem shad
स्मृतियाँ  है प्रकाशित हमारे निलय में,
स्मृतियाँ है प्रकाशित हमारे निलय में,
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
🌹मंजिल की राह दिखा देते 🌹
🌹मंजिल की राह दिखा देते 🌹
Dr.Khedu Bharti
चिंगारी बन लड़ा नहीं जो
चिंगारी बन लड़ा नहीं जो
AJAY AMITABH SUMAN
भूल भूल हुए बैचैन
भूल भूल हुए बैचैन
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
मां तुम बहुत याद आती हो
मां तुम बहुत याद आती हो
Mukesh Kumar Sonkar
बीज अंकुरित अवश्य होगा (सत्य की खोज)
बीज अंकुरित अवश्य होगा (सत्य की खोज)
VINOD CHAUHAN
अज्ञानी की कलम
अज्ञानी की कलम
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
🌸 सभ्य समाज🌸
🌸 सभ्य समाज🌸
पूर्वार्थ
अब किसपे श्रृंगार करूँ
अब किसपे श्रृंगार करूँ
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
मुस्कराहटों के पीछे
मुस्कराहटों के पीछे
Surinder blackpen
*होय जो सबका मंगल*
*होय जो सबका मंगल*
Poonam Matia
अन्ना जी के प्रोडक्ट्स की चर्चा,अब हो रही है गली-गली
अन्ना जी के प्रोडक्ट्स की चर्चा,अब हो रही है गली-गली
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
*****नियति*****
*****नियति*****
Kavita Chouhan
फ़र्ज़ पर अधिकार तेरा,
फ़र्ज़ पर अधिकार तेरा,
Satish Srijan
उससे दिल मत लगाना जिससे तुम्हारा दिल लगे
उससे दिल मत लगाना जिससे तुम्हारा दिल लगे
कवि दीपक बवेजा
मौसम का मिजाज़ अलबेला
मौसम का मिजाज़ अलबेला
Buddha Prakash
बेटी को मत मारो 🙏
बेटी को मत मारो 🙏
Samar babu
गुलाम
गुलाम
Punam Pande
*जलते हुए विचार* ( 16 of 25 )
*जलते हुए विचार* ( 16 of 25 )
Kshma Urmila
पंचगव्य
पंचगव्य
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
खुद को इतना मजबूत बनाइए कि लोग आपसे प्यार करने के लिए मजबूर
खुद को इतना मजबूत बनाइए कि लोग आपसे प्यार करने के लिए मजबूर
ruby kumari
■ आज का विचार
■ आज का विचार
*Author प्रणय प्रभात*
ये शास्वत है कि हम सभी ईश्वर अंश है। परंतु सबकी परिस्थितियां
ये शास्वत है कि हम सभी ईश्वर अंश है। परंतु सबकी परिस्थितियां
Sanjay ' शून्य'
तुम्हारी जाति ही है दोस्त / VIHAG VAIBHAV
तुम्हारी जाति ही है दोस्त / VIHAG VAIBHAV
Dr MusafiR BaithA
तुमसे उम्मीद थी कि
तुमसे उम्मीद थी कि
gurudeenverma198
कर्म से कर्म परिभाषित
कर्म से कर्म परिभाषित
Neerja Sharma
👗कैना👗
👗कैना👗
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
*हैं जिनके पास अपने*,
*हैं जिनके पास अपने*,
Rituraj shivem verma
Loading...