Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Apr 2020 · 1 min read

कविता

करें चुगली तेरे नैन सखि री
बीती कैसी तेरी रैन सखि री

क्यूँ री सखि भाग-1

क्यूँ खाती हो भाव सखि री
फूटे मेरे भाग सखि री
कैसे जाऊँ नदिया पारे
टूटी मेरी नाव सखि री

उसने मेरा सब कुछ छीना
दे गया गहरा घाव सखि री
उछल उछल कर लहरें नाचें
गहरा नीला आव सखि री

ज़ालिम ने है सुध बुद्ध छीनी
मिट गया मेरा चाव सखि री
शमशानों की धूल लगा कर
सींचा मैंने सुहाग सखि री

सांप क्या जाने चन्दन महिमा
अपना अपना सुभाव सखि री
मैंने सबका दिल बहलाया
सबने खाया ताव सखि री

टप टप आँसू आँख बहाये
रिस्ते मेरे घाव सखि री
मिल न पाई मैं साजन से
जलूँ विरह की आग सखि री

दिल जले और आँखें भीगें
यह कैसा अनुराग सखि री
उसकी खातिर सब कुछ छोड़ा
उल्टा पड़ गया दाव सखि री

दिल धड़के और आँख फड़के
छज्जे पर है काव सखि री
निराश मेरा वो हो जाये
धुंधला धुंधला खाव सखि री

सुरेश भारद्वाज निराश
धर्मशाला हिप्र

Language: Hindi
422 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जो होता है आज ही होता है
जो होता है आज ही होता है
लक्ष्मी सिंह
मत रो मां
मत रो मां
Shekhar Chandra Mitra
*रिश्ते*
*रिश्ते*
Dushyant Kumar
दोहे... चापलूस
दोहे... चापलूस
लक्ष्मीकान्त शर्मा 'रुद्र'
*रामदेव जी धन्य तुम (नौ दोहे)*
*रामदेव जी धन्य तुम (नौ दोहे)*
Ravi Prakash
संज्ञा
संज्ञा
पंकज कुमार कर्ण
होली के दिन
होली के दिन
Ghanshyam Poddar
यूँ ही क्यूँ - बस तुम याद आ गयी
यूँ ही क्यूँ - बस तुम याद आ गयी
Atul "Krishn"
सुना था,
सुना था,
हिमांशु Kulshrestha
!..............!
!..............!
शेखर सिंह
पड़ते ही बाहर कदम, जकड़े जिसे जुकाम।
पड़ते ही बाहर कदम, जकड़े जिसे जुकाम।
डॉ.सीमा अग्रवाल
■ आज का शेर
■ आज का शेर
*Author प्रणय प्रभात*
अभी बाकी है
अभी बाकी है
Vandna Thakur
आज भी अधूरा है
आज भी अधूरा है
Pratibha Pandey
इसमें कोई दो राय नहीं है
इसमें कोई दो राय नहीं है
Dr fauzia Naseem shad
कसास दो उस दर्द का......
कसास दो उस दर्द का......
shabina. Naaz
"जागो"
Dr. Kishan tandon kranti
मेरे दिल मे रहा जुबान पर आया नहीं....,
मेरे दिल मे रहा जुबान पर आया नहीं....,
कवि दीपक बवेजा
प्रेम
प्रेम
Satish Srijan
ठगी
ठगी
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
💐प्रेम कौतुक-430💐
💐प्रेम कौतुक-430💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
रक्षाबंधन का त्योहार
रक्षाबंधन का त्योहार
Dr. Pradeep Kumar Sharma
2294.पूर्णिका
2294.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
युवा संवाद
युवा संवाद
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
कृषक
कृषक
Shaily
शराब खान में
शराब खान में
DR. Kaushal Kishor Shrivastava
गणतंत्र दिवस की बधाई।।
गणतंत्र दिवस की बधाई।।
Rajni kapoor
***होली के व्यंजन***
***होली के व्यंजन***
Kavita Chouhan
सदा खुश रहो ये दुआ है मेरी
सदा खुश रहो ये दुआ है मेरी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
यह कौनसा आया अब नया दौर है
यह कौनसा आया अब नया दौर है
gurudeenverma198
Loading...