Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Apr 2020 · 1 min read

कविता

तू खुद से खुद पे भारी है
तू खुद में पूर्ण तैयारी है ।
तुझमें सूरज सा ताप है
तू खुद में ही प्रताप है ।
तुझमें निहित संसार है
तुझमें शक्ति अपार है ।
तू खुद में ही आकाश है
तुझमें सम्पूर्ण प्रकाश है ।
तुझमें ही तो वे राम है
तू खुद ही चारो धाम है ।
तू शून्य भी अनंत भी
प्रारम्भ भी और अंत भी ।

– चिंतन जैन

Language: Hindi
370 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ऐ सावन अब आ जाना
ऐ सावन अब आ जाना
Saraswati Bajpai
--कहाँ खो गया ज़माना अब--
--कहाँ खो गया ज़माना अब--
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
जितने चंचल है कान्हा
जितने चंचल है कान्हा
Harminder Kaur
!! मैं उसको ढूंढ रहा हूँ !!
!! मैं उसको ढूंढ रहा हूँ !!
Chunnu Lal Gupta
जीवन को सफल बनाने का तीन सूत्र : श्रम, लगन और त्याग ।
जीवन को सफल बनाने का तीन सूत्र : श्रम, लगन और त्याग ।
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
मुराद
मुराद
Mamta Singh Devaa
"तुम्हारे शिकवों का अंत चाहता हूँ
दुष्यन्त 'बाबा'
* कुण्डलिया *
* कुण्डलिया *
surenderpal vaidya
निःस्वार्थ रूप से पोषित करने वाली हर शक्ति, मांशक्ति स्वरूपा
निःस्वार्थ रूप से पोषित करने वाली हर शक्ति, मांशक्ति स्वरूपा
Sanjay ' शून्य'
मत गुजरा करो शहर की पगडंडियों से बेखौफ
मत गुजरा करो शहर की पगडंडियों से बेखौफ
Damini Narayan Singh
बाट का बटोही कर्मपथ का राही🦶🛤️🏜️
बाट का बटोही कर्मपथ का राही🦶🛤️🏜️
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
जो थक बैठते नहीं है राहों में
जो थक बैठते नहीं है राहों में
REVATI RAMAN PANDEY
पूस की रात।
पूस की रात।
Anil Mishra Prahari
जी.आज़ाद मुसाफिर भाई
जी.आज़ाद मुसाफिर भाई
gurudeenverma198
हक़ीक़त ने
हक़ीक़त ने
Dr fauzia Naseem shad
"तू है तो"
Dr. Kishan tandon kranti
*जागा भारत चल पड़ा, स्वाभिमान की ओर (कुंडलिया)*
*जागा भारत चल पड़ा, स्वाभिमान की ओर (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
ज़ख्म दिल में छुपा रखा है
ज़ख्म दिल में छुपा रखा है
Surinder blackpen
नाम:- प्रतिभा पाण्डेय
नाम:- प्रतिभा पाण्डेय "प्रति"
Pratibha Pandey
आज इंसान के चेहरे पर चेहरे,
आज इंसान के चेहरे पर चेहरे,
Neeraj Agarwal
*अज्ञानी की मन गण्ड़त*
*अज्ञानी की मन गण्ड़त*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
रब ने बना दी जोड़ी😊😊
रब ने बना दी जोड़ी😊😊
*Author प्रणय प्रभात*
2843.*पूर्णिका*
2843.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"मन मेँ थोड़ा, गाँव लिए चल"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
मेरे पृष्ठों को खोलोगे _यही संदेश पाओगे ।
मेरे पृष्ठों को खोलोगे _यही संदेश पाओगे ।
Rajesh vyas
खंडहर
खंडहर
Tarkeshwari 'sudhi'
तुमको ख़त में क्या लिखूं..?
तुमको ख़त में क्या लिखूं..?
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
नाथ मुझे अपनाइए,तुम ही प्राण आधार
नाथ मुझे अपनाइए,तुम ही प्राण आधार
कृष्णकांत गुर्जर
कर्बला की मिट्टी
कर्बला की मिट्टी
Paras Nath Jha
सौगंध से अंजाम तक - दीपक नीलपदम्
सौगंध से अंजाम तक - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
Loading...