Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Dec 2016 · 1 min read

कविता : जैसी करनी वैसी भरनी

सूरज ने विदाई ली,ये रात सजकर आ गई।
चाँद मुस्कराने लगा,तारों को हँसी आ गई।।

घिरके नींद जब आने लगी,आँखें सपनें सजाने लगी।
मीठे-मीठे सपने देकर,ये रात गौरी बहलाने लगी।
दु:ख के बादल सो गए,सुख की किरणें आ गई।
चाँद मुस्क़राने……………….।

सपने में हम तो स्वर्ग गए,देखकर इसको प्रसन्न हुए।
सिंह गाय संग में यहाँ तो,पानी पीने में मग्न हुए।
देखा ये नज़ारा रे,आँखें श्रद्धा से नम हुई।
चाँद मुस्क़राने………………….।

सपने में हम तो नरक गए,देखकर इसको दुखी हुए।
ना था भाईचारा कोई,लोग आपस में झगड़ रहे।
देखा ये रोना-धोना,इक दयादृष्टि बरस गई।
चाँद मुस्क़राने…………………।

सपने में अरे! यम से मिले,मिलके यही इक प्रश्न किया।
स्वर्ग-नरक में मेरे भगवन,इतना क्यों यहाँ अंतर किया?
यम बोला सुनो बेटा!है कर्मों की गति यही।
चाँद मुस्क़राने………………….।

सूरज ने विदाई ली,ये रात सजकर आ गई।
चाँद मुस्क़राने लगा,तारों को हँसी आ गई।।

Language: Hindi
1950 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from आर.एस. 'प्रीतम'
View all
You may also like:
💐अज्ञात के प्रति-128💐
💐अज्ञात के प्रति-128💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
माँ
माँ
Dr. Pradeep Kumar Sharma
प्यासा के कुंडलियां (झूठा)
प्यासा के कुंडलियां (झूठा)
Vijay kumar Pandey
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
* कुछ लोग *
* कुछ लोग *
surenderpal vaidya
तन्हा
तन्हा
अमित मिश्र
बहुत बरस गुज़रने के बाद
बहुत बरस गुज़रने के बाद
शिव प्रताप लोधी
⚘️🌾Movement my botany⚘️🌾
⚘️🌾Movement my botany⚘️🌾
Ms.Ankit Halke jha
Memories
Memories
Sampada
Hey....!!
Hey....!!
पूर्वार्थ
जिन्दगी
जिन्दगी
लक्ष्मी सिंह
होलिका दहन कथा
होलिका दहन कथा
विजय कुमार अग्रवाल
हलमुखी छंद
हलमुखी छंद
Neelam Sharma
2895.*पूर्णिका*
2895.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
उन कचोटती यादों का क्या
उन कचोटती यादों का क्या
Atul "Krishn"
खोया हुआ वक़्त
खोया हुआ वक़्त
Sidhartha Mishra
******गणेश-चतुर्थी*******
******गणेश-चतुर्थी*******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
पाया ऊँचा ओहदा, रही निम्न क्यों सोच ?
पाया ऊँचा ओहदा, रही निम्न क्यों सोच ?
डॉ.सीमा अग्रवाल
जो मुकद्दर में न लिखा हो तेरे
जो मुकद्दर में न लिखा हो तेरे
Dr fauzia Naseem shad
मेरे अल्फाज याद रखना
मेरे अल्फाज याद रखना
VINOD CHAUHAN
महफिल में तनहा जले, खूब हुए बदनाम ।
महफिल में तनहा जले, खूब हुए बदनाम ।
sushil sarna
"मदद"
*Author प्रणय प्रभात*
(आखिर कौन हूं मैं )
(आखिर कौन हूं मैं )
Sonia Yadav
🏛️ *दालान* 🏛️
🏛️ *दालान* 🏛️
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
कलम बेच दूं , स्याही बेच दूं ,बेच दूं क्या ईमान
कलम बेच दूं , स्याही बेच दूं ,बेच दूं क्या ईमान
कवि दीपक बवेजा
मिताइ।
मिताइ।
Acharya Rama Nand Mandal
यारा ग़म नहीं
यारा ग़म नहीं
Surinder blackpen
*अर्थ करवाचौथ का (गीतिका)*
*अर्थ करवाचौथ का (गीतिका)*
Ravi Prakash
"सूदखोरी"
Dr. Kishan tandon kranti
कल देखते ही फेरकर नजरें निकल गए।
कल देखते ही फेरकर नजरें निकल गए।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
Loading...