Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Jul 2019 · 1 min read

कविता :- आत्मा (संभावना की सरहदों पे)

कविता :– आत्मा
✍? अनुज तिवारी इंदवार

संभावना की सरहदों के ,
इस पार वो उस पार भी ।

देखने से न दिखी जो ,
रोकने से न रुकी ।
वो दरिंदों की मिली हर
यातना से न झुकी ।
जिसे छूने में नाकाम हैं ,
ये आधुनिक हथियार भी ।

संभावना की सरहदों के ,
इस पार वो उस पार भी ।

उसको तू महसूस कर
आभास कर , एहसास कर ।
पुरुषार्थ में ,परमार्थ में
लेकिन जरा विश्वास कर ।
होगी तुझसे रुबरु,
इस ज्योति की बौछार भी ।

संभावना की सरहदों के ,
इस पार वो उस पार भी ।

ऊर्जा से भरे हर
व्यक्तित्व में है आत्मा ।
देह की संवेदना
स्वामित्व में है आत्मा ।
ये साधकों कि संगिनी
है इन्द्रियों का सार भी ।

संभावना की सरहदों के ,
इस पार वो उस पार भी ।

Language: Hindi
1 Like · 542 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कलियुग की संतानें
कलियुग की संतानें
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
#धर्म
#धर्म
*Author प्रणय प्रभात*
किरणों का कोई रंग नहीं होता
किरणों का कोई रंग नहीं होता
Atul "Krishn"
जितना अता किया रब,
जितना अता किया रब,
Satish Srijan
*बाल गीत (मेरा प्यारा मीत )*
*बाल गीत (मेरा प्यारा मीत )*
Rituraj shivem verma
राजू और माँ
राजू और माँ
SHAMA PARVEEN
दाता तुमने जो दिया ,कोटि - कोटि उपकार
दाता तुमने जो दिया ,कोटि - कोटि उपकार
Ravi Prakash
प्यारा भारत देश हमारा
प्यारा भारत देश हमारा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
कान्हा प्रीति बँध चली,
कान्हा प्रीति बँध चली,
Neelam Sharma
“ जियो और जीने दो ”
“ जियो और जीने दो ”
DrLakshman Jha Parimal
जाति-धर्म में सब बटे,
जाति-धर्म में सब बटे,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
क्या मुझसे दोस्ती करोगे?
क्या मुझसे दोस्ती करोगे?
Naushaba Suriya
पूछ रही हूं
पूछ रही हूं
Srishty Bansal
*मोर पंख* ( 12 of 25 )
*मोर पंख* ( 12 of 25 )
Kshma Urmila
मुक्तक... हंसगति छन्द
मुक्तक... हंसगति छन्द
डॉ.सीमा अग्रवाल
कभी लौट गालिब देख हिंदुस्तान को क्या हुआ है,
कभी लौट गालिब देख हिंदुस्तान को क्या हुआ है,
शेखर सिंह
गम के बादल गये, आया मधुमास है।
गम के बादल गये, आया मधुमास है।
सत्य कुमार प्रेमी
भूमि दिवस
भूमि दिवस
SATPAL CHAUHAN
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
नहीं मतलब अब तुमसे, नहीं बात तुमसे करना
नहीं मतलब अब तुमसे, नहीं बात तुमसे करना
gurudeenverma198
तुझमें : मैं
तुझमें : मैं
Dr.Pratibha Prakash
तेरा मेरा रिस्ता बस इतना है की तुम l
तेरा मेरा रिस्ता बस इतना है की तुम l
Ranjeet kumar patre
2635.पूर्णिका
2635.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
"जरा सुनो"
Dr. Kishan tandon kranti
'नव कुंडलिया 'राज' छंद' में रमेशराज के 4 प्रणय गीत
'नव कुंडलिया 'राज' छंद' में रमेशराज के 4 प्रणय गीत
कवि रमेशराज
वतन के लिए
वतन के लिए
नूरफातिमा खातून नूरी
अगर सीता स्वर्ण हिरण चाहेंगी....
अगर सीता स्वर्ण हिरण चाहेंगी....
Vishal babu (vishu)
मेरी मजबूरी को बेवफाई का नाम न दे,
मेरी मजबूरी को बेवफाई का नाम न दे,
Priya princess panwar
किसी नदी के मुहाने पर
किसी नदी के मुहाने पर
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
बंशी बजाये मोहना
बंशी बजाये मोहना
लक्ष्मी सिंह
Loading...