Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Dec 2016 · 1 min read

कल ऐसा क्या लिये बैठा है

कल ऐसा क्या लिये बैठा है
आज को मुश्किल किये बैठा है

वो क्यूँ वफ़ाओं से ख़ाली है
किस बाज़ार में दिये बैठा है

बहुत बोलता है जुनूं उसका
यक़ीनन आज वो पिये बैठा है

नहीं ख़ौफ़- ए- ख़ुदा हैरां हूँ में
वो किसकी पनाह लिये बैठा है

क्या सज़ा हो इस बेकारी की
गुनाह- ए-उलफत किये बैठा है

उम्र छोटी कोशिश ख़ुदक़शी की
लगा जैसे बहुत जिये बैठा है

अब पैसा बोले ‘सरु’ सिर चढ़कर
और हुनर होंठ सिये बैठा है

281 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
☀️ओज़☀️
☀️ओज़☀️
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
गांव के छोरे
गांव के छोरे
जय लगन कुमार हैप्पी
हौसले हो अगर बुलंद तो मुट्ठि में हर मुकाम हैं,
हौसले हो अगर बुलंद तो मुट्ठि में हर मुकाम हैं,
Jay Dewangan
कुछ कहमुकरियाँ....
कुछ कहमुकरियाँ....
डॉ.सीमा अग्रवाल
ठहर ठहर ठहर जरा, अभी उड़ान बाकी हैं
ठहर ठहर ठहर जरा, अभी उड़ान बाकी हैं
Er.Navaneet R Shandily
माँ की दुआ इस जगत में सबसे बड़ी शक्ति है।
माँ की दुआ इस जगत में सबसे बड़ी शक्ति है।
लक्ष्मी सिंह
"सेवा का क्षेत्र"
Dr. Kishan tandon kranti
आज सबको हुई मुहब्बत है।
आज सबको हुई मुहब्बत है।
सत्य कुमार प्रेमी
आप अपने मन को नियंत्रित करना सीख जाइए,
आप अपने मन को नियंत्रित करना सीख जाइए,
Mukul Koushik
कहीं और हँसके खुशियों का इज़हार करते हैं ,अपनों से उखड़े रहकर
कहीं और हँसके खुशियों का इज़हार करते हैं ,अपनों से उखड़े रहकर
DrLakshman Jha Parimal
अब मुझे महफिलों की,जरूरत नहीं रही
अब मुझे महफिलों की,जरूरत नहीं रही
पूर्वार्थ
विचार मंच भाग - 6
विचार मंच भाग - 6
डॉ० रोहित कौशिक
2740. *पूर्णिका*
2740. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कहां से कहां आ गए हम..!
कहां से कहां आ गए हम..!
Srishty Bansal
गजल
गजल
Anil Mishra Prahari
आओ आज तुम्हें मैं सुला दूं
आओ आज तुम्हें मैं सुला दूं
Surinder blackpen
उड़ते हुए आँचल से दिखती हुई तेरी कमर को छुपाना चाहता हूं
उड़ते हुए आँचल से दिखती हुई तेरी कमर को छुपाना चाहता हूं
Vishal babu (vishu)
!!  श्री गणेशाय् नम्ः  !!
!! श्री गणेशाय् नम्ः !!
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
हम तो फूलो की तरह अपनी आदत से बेबस है.
हम तो फूलो की तरह अपनी आदत से बेबस है.
शेखर सिंह
भोर काल से संध्या तक
भोर काल से संध्या तक
देवराज यादव
* सहारा चाहिए *
* सहारा चाहिए *
surenderpal vaidya
प्यारा सुंदर वह जमाना
प्यारा सुंदर वह जमाना
Vishnu Prasad 'panchotiya'
चेहरा
चेहरा
नन्दलाल सुथार "राही"
Charlie Chaplin truly said:
Charlie Chaplin truly said:
Vansh Agarwal
सुप्रभातं
सुप्रभातं
Dr Archana Gupta
मैं नहीं हो सका, आपका आदतन
मैं नहीं हो सका, आपका आदतन
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
जाने  कौन  कहाँ  गए, सस्ते के वह ठाठ (कुंडलिया)
जाने कौन कहाँ गए, सस्ते के वह ठाठ (कुंडलिया)
Ravi Prakash
गजल
गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
सुप्रभात
सुप्रभात
Arun B Jain
जब मैसेज और काॅल से जी भर जाता है ,
जब मैसेज और काॅल से जी भर जाता है ,
Manoj Mahato
Loading...