💐अज्ञात के प्रति-104💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
*** सफलता की चाह में......! ***
There is nothing wrong with slowness. All around you in natu
Sukun usme kaha jisme teri jism ko paya hai
बोलते हैं जैसे सारी सृष्टि भगवान चलाते हैं ना वैसे एक पूरा प
धन से कब होता जुड़ा ,खुशियों भरा स्वभाव(कुंडलिया)
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
भ्रात प्रेम का रूप है,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
ये मन रंगीन से बिल्कुल सफेद हो गया।
हमेशा एक स्त्री उम्र से नहीं
क्यों प्यार है तुमसे इतना
रिश्तें - नाते में मानव जिवन
आंखें मेरी तो नम हो गई है
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी कई मायनों में खास होती है।