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11 Jul 2018 · 1 min read

कर्म किये जा.

धर्म आचरण का पालन कर, धर्म जिये जा,
अहंकार को छोड़, छिपा यह मर्म जिए जा.
काम, क्रोध, मद, लोभ, सदा से शत्रु रहे हैं,
फल की इच्छा क्यों करता, तू कर्म किये जा.

धर्म आचरण का पालन कर, धर्म जिये जा,
अहंकार को छोड़, छिपा यह मर्म जिए जा.
काम, क्रोध, मद, लोभ, सदा से शत्रु रहे हैं,
फल की इच्छा क्यों करता, तू कर्म किये जा.

Language: Hindi
183 Views
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