कर्मठता
कितने आराम पङे हैं …..यूँ तो काम बहुत है
फिर भी…. कितने बेकाम पङे हैं
तू आराम ना कर…..बेकाम ना रह
जितना बन पङे ……उतना ही कर
क्योंकि कि….. कितने काम पङे हैं
सुकून मत खो……तसल्ली रख
किन्तु बेकाम ना पङ
क्योंकि…… कितने काम पङे हैं
अति सूछ्म है जीवन…..आकांक्षाओ के लिए
प्रबल इच्छाओं के लिए ….रुकावटे भी बहुत हैं
विपदायें भी बहुत…….फिर भी तू रुक मत
क्यो कि ….कितने काम पङे हैं …!!!