Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Dec 2019 · 1 min read

करो नारी खुद पर विश्वास

**************************
श्रृंगार छंद
16मात्रा/आरंभ में त्रिकल, द्विकल फिर त्रिकल अनिवार्य
★★★★★★★★★★★★
करो नारी खुद पर विश्वास।
जन्म तेरा है सबसे खास।

कभी मत होना कुंठा ग्रस्त।
नहीं होना विपदा से त्रस्त।
खींचना चाहे कोई वस्त्र।
उठाना होगा तुमको शस्त्र।

स्वयं का मत सहना उपहास।
करो नारी खुद पर विश्वास।

दिखे जब दानव का व्यभिचार।
समझना मत खुद को लाचार।
शक्ति साहस का हो अवतार।
स्वयं करना उसका प्रतिकार।

दुष्ट चाहे करे अट्टहास।
करो नारी खुद पर विश्वास।

करो हिम्मत साहस से प्रीत।
सदा होगी फिर तेरी जीत।
प्रकृति गायेगी मंगल गीत।
दिशा में गूँजेगा संगीत।

हृदय में भर रखना उल्लास।
करो नारी खुद पर विश्वास।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली

349 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from लक्ष्मी सिंह
View all
You may also like:
आखिर मैंने भी कवि बनने की ठानी
आखिर मैंने भी कवि बनने की ठानी
Dr MusafiR BaithA
हाइपरटेंशन(ज़िंदगी चवन्नी)
हाइपरटेंशन(ज़िंदगी चवन्नी)
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
प्रश्नपत्र को पढ़ने से यदि आप को पता चल जाय कि आप को कौन से
प्रश्नपत्र को पढ़ने से यदि आप को पता चल जाय कि आप को कौन से
Sanjay ' शून्य'
लोभ मोह ईष्या 🙏
लोभ मोह ईष्या 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
आहुति
आहुति
Khumar Dehlvi
तुम क्या जानो
तुम क्या जानो"
Satish Srijan
धनवान -: माँ और मिट्टी
धनवान -: माँ और मिट्टी
Surya Barman
हिंदुस्तान जिंदाबाद
हिंदुस्तान जिंदाबाद
Mahmood Alam
ग़ज़ल - कह न पाया आदतन तो और कुछ - संदीप ठाकुर
ग़ज़ल - कह न पाया आदतन तो और कुछ - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
*सत्य की खोज*
*सत्य की खोज*
Dr Shweta sood
सुख -दुख
सुख -दुख
Acharya Rama Nand Mandal
सत्यता और शुचिता पूर्वक अपने कर्तव्यों तथा दायित्वों का निर्
सत्यता और शुचिता पूर्वक अपने कर्तव्यों तथा दायित्वों का निर्
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
प्यार का रिश्ता
प्यार का रिश्ता
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
रिसाइकल्ड रिश्ता - नया लेबल
रिसाइकल्ड रिश्ता - नया लेबल
Atul "Krishn"
मुस्किले, तकलीफे, परेशानियां कुछ और थी
मुस्किले, तकलीफे, परेशानियां कुछ और थी
Kumar lalit
नव-निवेदन
नव-निवेदन
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
3167.*पूर्णिका*
3167.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बसहा चलल आब संसद भवन
बसहा चलल आब संसद भवन
मनोज कर्ण
💐प्रेम कौतुक-343💐
💐प्रेम कौतुक-343💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
वीर तुम बढ़े चलो!
वीर तुम बढ़े चलो!
Divya Mishra
अगर आपके पैकेट में पैसा हो तो दोस्ती और रिश्तेदारी ये दोनों
अगर आपके पैकेट में पैसा हो तो दोस्ती और रिश्तेदारी ये दोनों
Dr. Man Mohan Krishna
नेक मनाओ
नेक मनाओ
Ghanshyam Poddar
एक किताब सी तू
एक किताब सी तू
Vikram soni
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
खिलते फूल
खिलते फूल
Punam Pande
*कलम जादू भरी जग में, चमत्कारी कहाती है (मुक्तक)*
*कलम जादू भरी जग में, चमत्कारी कहाती है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
दोस्ती में लोग एक दूसरे की जी जान से मदद करते हैं
दोस्ती में लोग एक दूसरे की जी जान से मदद करते हैं
ruby kumari
आकाश
आकाश
Dr. Kishan tandon kranti
मैं कवि हूं
मैं कवि हूं
Shyam Sundar Subramanian
हर फ़साद की जड़
हर फ़साद की जड़
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...