करो नारी का सम्मान (कविता)
नारी है देवी स्वरूपा ,
इतना रखो संज्ञान .
नारी है यह प्रकृति ,
नारी है धरती माँ .
हर नदी है नारी स्वरूपा ,
आलोकिक शक्ति रूप में ,
नारी ही करे सृष्टि का संचालन .
नवदुर्गा पूजते हर वर्ष ,
और करते उस दिन कन्याओं का सम्मान .
और यदि करोगेयूँ ही सदा
प्रतिदिन नारी व् कन्याओं का
आदर सम्मान .
तो निश्चित ही होगा हे पुरुष !
तेरा आत्म-उत्थान .
समाज में यदि मिलेगा नारी को सुरक्षित स्थान ,
और मिलेगा सभी अधिकार सामान .
तो तेरा भी होगा सर्वथा कल्याण .
अन्यथा फिर भी ना तू समझा
नारी/कन्या का मूल्य ,
तो तेरी यह नवदुर्गा की आराधना,
यह व्रत-उपवास ,
और कन्याओं को भोजन खिलाना ,
उन्हें उपहार देना ,
सब वृथा पाखंड जान .